कोरोना से निजात के लिए घरों पर दीपक जलाकर मनाएंगे मासिक कार्तिगाई
मासिक कार्तिगाई हिंदू धर्म के लोग श्रद्धा के साथ मनाते हैं। भगवान शिव की श्रद्धा भक्ति के लिए अब धनबाद में भी मनाया जाने लगा है। आठ जून मंगलवार को मनाई जा रही है। कार्तिगाई दीपक वर्ष के हर महीने में मनाई जाती है।
धनबाद, जेएनएन: मासिक कार्तिगाई हिंदू धर्म के लोग श्रद्धा के साथ मनाते हैं। भगवान शिव की श्रद्धा भक्ति के लिए अब धनबाद में भी मनाया जाने लगा है। यह पर्व आठ जून मंगलवार को मनाई जा रही है। कार्तिगाई दीपम वर्ष के हर महीने में मनाई जाती है, इसलिए इसे मासिक कार्तिगाई कहा जाता है।
पंडित राकेश पांडेय के अनुसार मासिक कार्तिगाई दीपम के नाम से भी जाना जाता है। मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस त्योहार को लोग दीपावली की तरह मनाया जाता और घर-घर में लोग इस दिन दीये में तेल डालकर दीप जलाते हैं।
इस बार लोग कोरोना से निजात के लिए जिले के सरायढ़ेला, हीरापुर, धनसार आदि जगहों के लोग घरों पर दीपक जलाकर मनाएंगे। और कोरोना को खत्म करने की प्रार्थना करेंगे। ताकि पहले ही तरह स्थिति सामान्य हो और लोग खुशी-खुशी जीवन यापन करें।
पूजन विधिः शाम के समय पूजा स्थान पर शिवलिंग का पूजन करें। इत्र, सिंदूर, धतूरा, लाल फूल, दूध, शहद, घी, शक्कर, गुड़, दही, मिष्ठान, यज्ञोपवीत आदि समर्पित करें। सुगंधित तेल के 3 दीपक जलाएं, चंदन की अगरबत्ती जलाएं, गुलाबी कनेर का फूल चढ़ाएं, सफ़ेद चंदन चढ़ाएं, चावल की खीर का भोग लगाएं।
कार्तिगाई का महत्वः
ऐसा माना गया है कि कार्तिगाई के दिन भगवान शिव की पूजा करने और दीप जलाकर उनका आवाह्न करने से जीवन से नकारात्मकता का नाश होता है, और जीवन में एक नई ऊर्जा और प्रकाश का संचार होने लगता है। भगवान शिव की कृपा से परिवार में सब कुछ कुशल मंगल रहता है। साथ ही बताया गया कि धार्मिक ग्रंथों में मिलने वाली पौराणिक कथा के अनुसार चिरकाल में एक बार भगवान ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद होने लगा।
तब से विवाद को सुलझाने के लिए भगवान शिव ने स्वयं को दिव्य ज्योति में परिवर्तित कर लिया और लोग मासिक कार्तिगाई मनाई जानी लगी।