International Yoga Day: कोरोना महामारी में योग बना बेसहारों का सहारा; कईयों ने दी कोरोना को मात
इंटरनेशल योग दिवस के अवसर पर बच्चों ने कोरोना गाइड का पालन करते हुए अपने-अपने घरों में ही योगाभ्यास किया। इस दौरान पलक प्रियांजीनि युवराज सिंंह आरोही वैभव गोपाल ने घरों में ही रहकर योग व प्राणायाम किया ।
धनबाद, जेएनएन : विश्व योग दिवस के अवसर पर धनबाद के बच्चों ने योग व प्रणायाम का पद डॉ हेडगेवार जन्म शताब्दी सेवा समिति उत्तरी छोटानागपुर धनबाद की ओर से ट्रस्ट के कार्यालय डॉ हेडगेवार भवन में योग दिवस आयोजित कि गई। जिसमें सभी लोगों ने शारीरिक दूरी बनाकर योगा किया। समिति की ओर से सभी को अपने अपने घरों पर ही योग करने का आदेश दिया गया था। भवन में सिर्फ पांच लोगों को ही अनुमति थी। शेष लोगों ने फेसबुक व गूगल मीट पर योगाभ्यास किया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसवक संघ धनबाद विभाग व बोकारो के संघ चालक केशव कुमार ने बताया कि 21 जून को ही संघ संस्थापक एवम प्रथम संघ चालक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार की पुण्यतिथि भी है। इसलिए योगा करने से पहले उनकी चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर श्रद्धांजलि दी गई। तथा उनके जीवन काल के बारे में सभी लोगों को बताया गया। इसके बाद सभी लोगों ने योग किया । समिति की ओर से बाताया गया कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को योग करनेके लिए प्रोत्साहित किया गया। यह किसी भी उम्र के लोग कर सकते है। कार्यक्रम अंकका अंत शांति पाठ के साथ किया गया।
बच्चों ने घरों में रहकर किया योग
इंटरनेशल योग दिवस के अवसर पर बच्चों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने-अपने घरों में ही योगाभ्यास किया। इस दौरान पलक, प्रियांजीनि, वियान, युवराज सिंंह, आरोही, वैभव, गोपाल ने घरों में ही रहकर योग व प्राणायाम किया ।
साथ ही योग व प्राणायाम करते रहने का इस दौरान संकल्प लिया। कोरोना की दूसरी लहर ने, न जाने कितनों को लील चुका है। अस्पताल में कोरोना मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि लोगों को अस्पताल में बेड के लिए खाक छानना पड़ रहा था।
70 से 80 प्रतिशत लोग अपने घरों में ही कोरोना का इलाज आइसोलेशन में रहकर कर रहे थे। उनके पास न तो कोई चिकित्सक थे और नाही अस्पताल की सुविधा।
ऐसे में लोगों को घर पर रहकर इलाज कराना मजबूरी थी। इस जानलेवा महामारी में ऐसे तमाम लोगोंं का एकमात्र सहारा बना योग व आयुर्वेद । जिसे लोग भूलते जा रहे थे। उन्हें भी काढ़ा की ताकत का एहसास हुआ। योग प्राणायाम से कोरोना को परास्त किया।
केस स्टडी- योग से किया कोरोना को परास्त
उन्हीं में से फुसरो, सेंट्रल कॉलोनी के विकास कुमार है। कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी वेब में भी वे कोरोना के शिकार हुए। लेकिन खास बात रही कि दोनों ही बार वे अस्पताल जाकर किसी चिकित्सक की मदद नहीं ली। जांच करवाने के बाद जब रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो घर पर आइसोलेशन में रहकर योग, प्राणायाम करना शुरू किया। आयुर्वेद का सहारा लिया। विकास ने बातया कि इस दौरान सबसे कठिन होता है अपने को मानसिक रूप से मजबूत रखना और इसमें योग व प्राणायाम ने महत्वपूर्ण भूमिक अदा की। बताया कि कोरोना जितना हमें शारीरिक रूप से क्षति नहींं पहुंचाता है, उससे कहीं अधिक हमें मानसिक रूप से कमजोर कर देता है। आदमी निराश हो जाता है। बताया कि योग ने इस बीमारी से लड़ने के लिए नई उर्जा व सकारात्मक विचार दिए। कुछ परहेज करते हुए योग व आयुर्वेद से न केवल शारीरिक तौर पर खुद को स्वस्थ्य किया बल्कि मेंटली भी स्ट्रांग हुए।
आज विकास बिल्कुल स्वस्थ्य है। विकास ने बताया कि इस दौरान उनकी पत्नी ऋतिका का भी भरपूर सहयोग मिला। उनकी देखरेख करते हुए वह भी कोरोना की चपेट में आ गई थी। बाद में उन्होंने भी घर में रह कर ही योग, आयुर्वेद के सहारे ही कोरोना को मात दी। आज दंपती बिल्कुल स्वस्थ्य है। और अब योग, प्राणयाम उनके जीवन के अंग बन गए है। दंपती खुद के साथ-साथ अपने परिवार के अन्य सदस्यों व आस-पास के लोगों को भी योगाभ्यास के लिए प्रेरित करते है।