फाइलेरिया मरीजों का समय पर पहचान व इलाज जरूरी

फाइलेरिया के मरीजों का समय पर पहचान और इलाज जरूरी है। इसे लेकर विभाग राज्य भर में अभियान चला रहा है। फाइलेरिया के मरीजों की जांच के लिए रात में सैंपल की व्यवस्था जरूरी है। धनबाद में लगातार अभियान चलाया जाएगा। यह बातें हजारीबाग से धनबाद पहुंची क्षेत्रीय फाइलेरिया पदाधिकारी डा. आशा एक्का ने कही।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 05:51 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 05:51 AM (IST)
फाइलेरिया मरीजों का समय पर पहचान व इलाज जरूरी
फाइलेरिया मरीजों का समय पर पहचान व इलाज जरूरी

जागरण संवाददाता, धनबाद : फाइलेरिया के मरीजों का समय पर पहचान और इलाज जरूरी है। इसे लेकर विभाग राज्य भर में अभियान चला रहा है। फाइलेरिया के मरीजों की जांच के लिए रात में सैंपल की व्यवस्था जरूरी है। धनबाद में लगातार अभियान चलाया जाएगा। यह बातें हजारीबाग से धनबाद पहुंची क्षेत्रीय फाइलेरिया पदाधिकारी डा. आशा एक्का ने कही। वे शनिवार को सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में वैक्टर बोर्न डीजिज (गैर संचारित रोग) की समीक्षा कर रही थीं। मौके पर सिविल सर्जन श्याम किशोर कांत, सदर अस्पताल के प्रभारी डा. राजकुमार सिंह, जिला वेक्टर बोर्न डिजीज के विशेषज्ञ रमेश कुमार सिंह समेत अन्य चिकित्सक व कर्मी मौजूद थे।

जिले में फिर से रात में सैंपल करने का निर्देश :

क्षेत्रीय मलेरिया पदाधिकारी ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे फाइलेरिया जांच के लिए जल्द शुरू किया जाएगा। कोरोना के कारण पिछले डेढ़ वर्षो से फाइलेरिया के मरीजों की जांच प्रभावित रही है। हालांकि संक्रमण का स्तर कम है। ऐसे में चिकित्सक और कर्मियों को अधिक से अधिक जांच में लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो भी मरीज चिह्नित किए गए हैं, उनका रिकार्ड तैयार किया जाएगा। पदाधिकारी ने प्रखंडों में चल रहे अभियान की भी समीक्षा की। पांच से 20 दिसंबर तक जांच की जाएगी। रोग के रोकथाम के लिए फरवरी 22 में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) का कार्यक्रम चलाया जाएगा। जरूरतमंद मरीजों का किया जाएगा आपरेशन

फाइलेरिया से पीड़ित वैसे मरीज जिन्हें हाइड्रोसील की समस्या हो गई है। ऐसे मरीजों को अलग से चिन्हित किया जा रहा है। फाइलेरिया में मुख्य का मरीज दो प्रकार से पीड़ित होते हैं, एक मरीज हाथीपांव का शिकार हो जाता है। तो दूसरा हाइड्रोसील की समस्या से ग्रसित होते हैं। हाइड्रोसील की समस्या से ग्रसित मरीजों का समय रहते पहचान और आपरेशन करने से स्थिति काफी बेहतर हो सकती है। अब जिला फाइलेरिया विभाग इस ओर काम में जुट गया है। मौके पर सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी भी मौजूद थे।

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