ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों में बढ़ रही मानसिक विकृति; अभिभावक परेशान

वैश्विक महामारी कोरोना काल में लगभग एक वर्ष से हर तरह के स्कूल बंद हैं। प्राथमिक माध्यमिक और उच्च कक्षा के विद्यार्थी घर पर ही ऑनलाइन पढ़ाई करने को मजबूर हैं। लगातार एक वर्ष से ऑनलाइन पढ़ाई के कारण बच्चे अब उब गए हैं।

By Atul SinghEdited By: Publish:Thu, 03 Jun 2021 03:30 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jun 2021 03:30 PM (IST)
ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों में बढ़ रही मानसिक विकृति; अभिभावक परेशान
बच्चों में मानसिक विकृति बढ़ रही है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

झरिया, गोविन्द नाथ शर्मा : वैश्विक महामारी कोरोना काल में लगभग एक वर्ष से हर तरह के स्कूल बंद हैं। प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च कक्षा के विद्यार्थी घर पर ही ऑनलाइन पढ़ाई करने को मजबूर हैं। लगातार एक वर्ष से ऑनलाइन पढ़ाई के कारण बच्चे अब उब गए हैं। बच्चों में मानसिक विकृति बढ़ रही है।

बच्चों का स्वभाव चिड़चिड़ा और उदंड होता जा रहा है। बच्चे माता-पिता की भी बात नहीं मान रहे हैं। लगातार मोबाइल या लैपटॉप स्क्रीन पर काफी देर तक पढ़ाई करने से बच्चों के आंखों की रोशनी भी कम होती जा रही है। इससे अभिभावक काफी परेशान हैं।

लेकिन कोरोना काल में स्कूल के बंद रहने से पढ़ाई के लिए और कोई विकल्प भी नहीं दिख रहा है। अधिकांश निजी स्कूल में कक्षा एक से 10 तक के बच्चों की पढ़ाई अभी ऑनलाइन ही हो रही है। हालांकि सरकारी विद्यालय में भी ऑनलाइन पढ़ाई किए जाने का दवा सरकार की ओर से किया जा रहा है।

लेकिन सरकारी विद्यालयों में अधिकांश अध्ययनरत बच्चों के गरीब होने के कारण इनकी ऑनलाइन पढ़ाई की संख्या बहुत कम है। अधिकांश बच्चों या उनके अभिभावकों के पास स्मार्टफोन का नहीं होना है। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण अभी स्कूलों के खुलने की संभावना भी कम है। ऐसे में और कई माह तक इसी तरह से बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई होने की संभावना है।

ऑनलाइन क्लास से बच्चों में पड़ रहा नकारात्मक असर : डॉ नरेश प्रसाद

कोरोना काल में एक वर्ष से ऑनलाइन की हो रही पढ़ाई पर झरिया के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ नरेश प्रसाद का कहना है कि इससे बच्चों में नकारात्मक असर पड़ रहा है। मानसिक विकृति भी बढ़ रही है। बच्चों के व्यवहार में तेजी से बदलाव आ रहे हैं। बच्चे माता-पिता की बात नहीं मान रहे हैं। बच्चों में उदंडता बढ़ रही है। बच्चों को कम से कम मोबाइल का प्रयोग करना चाहिए । इस विषम परिस्थिति में माता व पिता को बच्चों के प्रति विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

कम से कम समय का ऑनलाइन क्लास लें स्कूल प्रबंधन 

झरिया के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ ओम प्रकाश अग्रवाल का कहना है कि कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई का और कोई विकल्प भी नहीं है। समय को देखते हुए स्कूल प्रबंधन की ओर से ऐसा किया जा रहा है। मोबाइल व लैपटॉप से ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों के ऊपर नकारात्मक असर रहा है।

दिमाग और आंखों पर इसका असर पड़ रहा है। लेकिन इसका कोई और विकल्प भी तो नहीं है। स्कूल प्रबंधन को चाहिए कि बच्चों के लिए कम से कम समय का ऑनलाइन क्लास लें।

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