मिलिए धनबाद के किसान हरिपद से; खेती कर खुद के साथ ग्रामीणों को बना रहे आत्मनिर्भर Dhanbad News
कोरोना वैश्विक महामारी के कारण दूसरे प्रदेशों में कार्य कर रहे प्रवासी मजदूर अपने राज्यों को लौट रहे हैं। प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ना सरकार के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। कृषि कार्य की ओर उन्मुख करने की दिशा में प्रयासरत है।
निरसा, जेएनएन : कोरोना वैश्विक महामारी के कारण दूसरे प्रदेशों में कार्य कर रहे प्रवासी मजदूर अपने राज्यों को लौट रहे हैं। प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ना सरकार के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। सरकार कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ कर लोगों को कृषि कार्य की ओर उन्मुख करने की दिशा में प्रयासरत है।
वहीं निरसा प्रखंड के सिजुआ पंचायत अंतर्गत मुरुंगडुंगरी निवासी हरिपद हेंब्रम लगातार व्यवसायिक खेती की ओर स्वयं भी अग्रसर हो रहे हैं। ग्रामीणों को भी इस दिशा में अग्रसर करने का प्रयास कर रहे हैं। झारखंड में पहली बार अनानास की खेती की शुरुआत कर लोगों को प्रेरित करने के बाद वर्तमान समय में हरिपद हेंब्रम मिर्च व हल्दी की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। प्रयोग के तौर पर उन्होंने इस वर्ष तक में खेत में एक सौ सूरजमुखी मिर्च के पौधे लगाएं हैं और उससे अच्छा व्यवसायिक लाभ ले रहे हैं।
कृषकों को व्यवसायिक खेती किए कदम बढ़ाना चाहिए : हेम्ब्रम
अप्रैल व मई महीने में मिर्च के 100 पौधे से लगभग 4000 रुपए की आय प्राप्त कर चुके हैं। हरिपद हेंब्रम ने कहा कि सूर्यमुखी मिर्च का एक पौधा लगभग 2 वर्ष तक फल देता है। इसमें बार-बार मिर्च के पौधे लगाने की झंझट से छुटकारा मिलता है। प्रयोग के तौर पर इस वर्ष मार्च में मैंने 100 सूर्यमुखी मिर्च के पौधे लगाए हैं । अब तक लगभग 4000 रुपए की कमाई प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि हल्दी एवं मिर्च की आवश्यकता प्रतिदिन लोगों को होती है। हरी मिर्ची बाजार में बिक जाता है। यदि हरी मिर्च नहीं बिक रहा है तो उसे सुखा कर आप लाल मिर्ची भी बना सकते हैं ।
उसका दाम और ज्यादा मिलता है। अपने गांव के लोगों को इसके लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि किसानों को व्यवसायिक क्षेत्र की ओर उन्मुख करना होगा । साथ ही सरकार को किसानों की उपज के लिए बाजार उपलब्ध कराना चाहिए। कभी-कभी किसानों को अपनी फसल औने पौने दाम पर बेचना पड़ता है या उसका दाम नहीं मिलने पर फसल को खेत में ही नष्ट करना पड़ता है। इस कारण खासकर युवा वर्ग कृषि की ओर से मुंह फेर रहे हैं। सरकार को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए।