यह आठ लेन नहीं चार लेन, सड़क बनना समय की मांग
धनबाद बुधवार को आठ लेन (चार लेन सड़क दो सर्विस लेन और दो साइकिल ट्रैक) सड़क के भविष्य
धनबाद : बुधवार को आठ लेन (चार लेन सड़क, दो सर्विस लेन और दो साइकिल ट्रैक) सड़क के भविष्य की संभावनाएं तलाश करने गई टीम ने इसकी उपयोगिता और औचित्य का मुआयना किया। टीम का रुख सकारात्मक रहा। बातों ही बातों में टीम ने स्प्ष्ट कर दिया कि मौजूदा समय में सड़क निर्माण होना जरूरी। काफी हिस्से में काम हो चुका है। जगह-जगह गडढे हो चुके हैं, इन्हें भरने की जगह सड़क बनाना श्रेयस्कर है। इतना ही नहीं निर्माण एजेंसी को कुछ राशि का भुगतान भी कर दिया गया है। नगर आयुक्त की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम ने गोल बिल्डिग से लेकर कांकोमठ तक सड़क का मुआयना किया। कई जगह रुककर स्थानीय लोगों और दुकानदारों से बात भी की। टीम ने यह जरूर स्पष्ट किया कि यह आठ लेन नहीं बल्कि चार लेन सड़क है। इसमें दो सर्विस लेन और दो साइकिल ट्रैक है, इस वजह से इसे आठ लेन कहकर प्रसारित किया जा रहा है। टीम में नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार, अपर समाहर्ता राम नारायण राम, निगम के मुख्य अभियंता अजीत लुईस लकड़ा, पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अमरेंद्र साहा और ग्रामीण अभियंत्रण संगठन के कार्यपालक अभियंता शामिल थे।
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हट सकता है साइकिल ट्रैक और फुट ओवरब्रिज, कलवर्ट भी कम बनेंगे
कोविड-19 में आर्थिक दबाव का हवाला देते हुए सरकार ने इस सड़क के निर्माण पर रोक लगाई थी। निरीक्षण करने गई टीम ने इसकी संभावना भी देखी कि क्या कहीं से कटौती कर इसके खर्च में कमी की जा सकती है। टीम ने दो साइकिल ट्रैक, फुट ओवरब्रिज और एक-दो अन्य चीजों के औचित्य पर मंथन किया। संभावना है कि साइकिल ट्रैक और फुट ओवरब्रिज सड़क पैकेज से हटा दिया जाए। झारखंड म्युनिसिपल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत विश्व बैंक के सहयोग से इस सड़क का निर्माण शुरू हुआ था। इस सड़क के निर्माण मे आने वाले खर्च का 70 प्रतिशत हिस्सा विश्व बैंक को देय है, जो सस्ते दर पर ऋण के रूप में मिलेगा। वहीं, राज्यांश के तौर पर राज्य सरकार को 30 प्रतिशत राशि खर्च करनी है।
धनबाद के कुछ जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर रोका गया था काम :
नगर विकास विभाग ने जून में ही गोल बिल्डिग से कांको मोड़ तक बन रही इस सड़क निर्माण पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया था। विभाग ने इस परियोजना को बहुत महंगा माना और सड़क जाम से मुक्ति के लिए इससे इतर आरओबी एवं फ्लाईओवर जैसी योजनाओं पर अधिक फोकस करने के लिए कहा था। विभाग ने स्टेट हाइवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड को पत्र लिखकर अविलंब निर्माण कार्य रोकने का निर्देश दिया था। नगर निगम क्षेत्र से जुड़े कुछ जनप्रतिनिधियों ने ही इस सड़क की उपयोगिता पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद स्थानीय जिला प्रशासन के पदाधिकारियों से भी इस सड़क की उपयोगिता पर राय ली गई थी। बताया गया कि वर्तमान समय में इस सड़क निर्माण से ज्यादा जरूरी है कि बढ़ती आबादी तथा लगातार गाड़ियों की संख्या में हो रही वृद्धि से उत्पन्न ट्रैफिक जाम से निजात के लिए फ्लाईओवर और रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) निर्माण को प्राथमिकता दी जाए। सभी की राय के बाद ही राज्य सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग ने निर्णय लिया कि इस सड़क का निर्माण फिलहाल स्थगित कर दिया जाए।