Diwali 2021: इस दिवाली मिट्टी के दीए की बढ़ी मांग, कुम्हारों की करें चाक ने पकड़ी रफ्तार

दिवाली को लेकर तैयारी शुरू हो गई है लोगों की खरीदारी भी बाजारों में दिखने लगी है लेकिन इस बार की दिवाली में सबसे जो खास बात उभर कर सामने आई है वह लोगों का चाइनीस सामानों के प्रति मोहभंग।

By Atul SinghEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 11:36 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 11:36 AM (IST)
Diwali 2021: इस दिवाली मिट्टी के दीए की बढ़ी मांग, कुम्हारों की करें चाक ने पकड़ी रफ्तार
दिवाली मिट्टी के दीए की डिमांड बढ़ी है।

जासं, धनबादः दीपावली जैसे-जैसे नजदीक आ रही है कुम्हारों की चाक ने और अधिक रफ्तार पकड़ ली है। दीपों का पर्व दीपावली को लेकर कुम्हारों के चाक अब रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बड़ी संख्या में मिट्टी के दीये बनाने का कार्य कुम्हारों ने शुरू कर दी है। पर्व को लेकर कुम्हारों ने घरों में रोशनी करने वाले दीये, गणेश लक्ष्मी की मूर्ति, दीया बरनी आदि बनाने लगे हैं। आज भी पुरानी परंपराओं को जीवित रखने में इनकी अहम भूमिका है। कुछ पुरानी पीढ़ी ही इस परंपरागत रोजगार को बचाएं रखें हैं। जबकि युवा पीढ़ी चाक चलाने, यहां तक की मिट्टी छूने से मुंहमोड़ लिए है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से त्योहारों पर स्थानीय उत्पादों की खरीदारी किए जाने के आह्वान से इस बार कुम्हारों को अधिक बिक्री होने की उम्मीद जगी है। चीनी सामानों का बहिष्कार भी इनकी खुशहाली में चार चांद लगाने के लिए तैयार है। दहुआटांड के कुम्हार राजेश पंडित ने बताया कि दुर्गा पूजा के बाद से उनके कार्य में तेजी आ गई हैं। वर्तमान समय में मिट्टी के बने सामानों की मांंग बाजार में बढ़ने के कारण वे लोग लगातार काम कर रहे हैं। कुम्हारों का कहना है कि मिट्टी के दीए, मूर्ति की मांंग पर्व, त्योहारों में अचानक बढ़ जाती है। खासकर दीपावली में इसकी मांंग काफी रहती है। ऐसे में दिन रात एक कर मिट्टी के सामान बनाए जा रहे हैं। दीपों के त्योहार दीपावली को देखते हुए मिट्टी के बने सामानों की कीमत भी बढ़ गई है। इसी प्रकार कलश, परनी, कड़ाही, गणेश लक्ष्मी की मूर्ति, दीया बरनी आदि की कीमतें गत वर्ष की अपेक्षा अधिक है।

नई ट्रेंड के साथ डिजाइनर दीये की मांग बढ़ीः

दीपावली आगामी 4 नवंबर को मनाई जाएगी। इस अवसर पर दीपों से अपने घर-आंगन को सजाने की तैयारी लोगों ने अभी से ही शुरू कर दी है। बदलते ट्रेंड के साथ लोग डिजाइनर दीये भी खूब पसंद करने लगे हैं। वहीं चाइनीज दीयों से मोहभंग के चलते मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ी है।

कुम्हारों को इस बार अच्छी आय की उम्मीदः

दीपावली पर मिट्टी के दीपक बनाने वाले दहुआटांड के नरेश पंडित बताते हैं कि कुम्हारों के चाक ने तेजी पकड़ ली है। उन्हें इस बार अच्छी बिक्री की उम्मीद है। मिट्टी के दीपक, गणेश लक्ष्मी की मूर्ति, दीया बरनी आदि बनाने के लिए माता-पिता के साथ उनके भाई भी हाथ बंटा रहे हैं। कोई मिट्टी गूंथने में लगा है तो किसी ने गणेश लक्ष्मी की मूर्ति पेंटिंग करने में लगे हैं।

कीमतः

दीयेः 40 से 80 रुपया का सैकड़ा 

गणेश लक्ष्मी की मूर्तिः  30 से 80 रुपया

दीया बरनीः 40 से 60 रुपया

कलशः 20 से 50  रुपया

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