Thief of Radhanagar: यहां के चोर देखते-देखते पूरी दुकान कर देते खाली, देशभर की पुलिस नापती रहती राधानगर की दूरी

साहिबगंज के उधवा प्रखंड में राधानानगर थाना पड़ता है। यह इलाका पश्चिम बंगाल से सटा है। बांग्लादेश से भी नजदीक है। इस कारण घुसपैठिये भी रहते हैं। यह क्षेत्र पिछड़ा है और बेरोजगारी अधिक है। दो दशक पहले उत्तर पियारपुर निवासी आलम शेख और कई अन्य चोरियां शुरू की।

By MritunjayEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 09:42 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 09:42 PM (IST)
Thief of Radhanagar: यहां के चोर देखते-देखते पूरी दुकान कर देते खाली, देशभर की पुलिस नापती रहती राधानगर की दूरी
झारखंड के साहिबगंज जिले का पिछड़ा इलाका राधानगर। यहां के चोर अपने गांव के नाम को बदनाम कर रहे।

साहिबगंज, जेएनएन। Thief of Radhanagar झारखंड के जामताड़ा के साइबर ठगों की तरह ही साहिबगंज जिले के राधानगर थाना क्षेत्र के पियारपुर, अमानत, प्राणपुर, लखीपुर आदि गांवों के चोर भी देशभर में कुख्यात हैं। इन चोरों ने देश के कई बड़े शहरों में बड़ी-बड़ी दुकानों और शोरूम को अपना निशाना बनाया है। रातोंरात ये शातिर पूरी की पूरी दुकान खाली कर माल ठिकाने लगाने में माहिर हैं। आभूषण की दुकानों से करोड़ों का माल साफ करने में ये खास तौर पर माहिर हैं। यहां का हसन चिकना गिरोह पूरे देश में कुख्यात है। फिलहाल इस गिरोह का सरगना हसन चिकना जेल में बंद है। उसके अलावा नामदार शेख, नाबिर शेख, शाहिद शेख समेत अन्य ने अपना अलग-अलग गिरोह बना रखे हैं। 50 से अधिक शातिर गिरोह से जुड़े हैं। इन गिरोहों ने अपनी करतूतों से विभिन्न राज्यों की पुलिस को परेशान कर रखा है। इस थाने में देश के लगभग हर राज्य की पुलिस किसी न किसी मामले की जांच के लिए आ चुकी है।

चोरों का नेटवर्क बांग्लादेश तक है फैला

साहिबगंज के उधवा प्रखंड में राधानानगर थाना पड़ता है। यह इलाका पश्चिम बंगाल से सटा है। बांग्लादेश से भी काफी नजदीक है। इस कारण घुसपैठिये भी रहते हैं। यह क्षेत्र पिछड़ा है और बेरोजगारी अधिक है। दो दशक पहले उत्तर पियारपुर निवासी आलम शेख और कई अन्य से छोटी-मोटी चोरियां शुरू की। फिर काम के सिलसिले में आलम मुंबई गया। वहां भी चोरी शुरू की और हौसला बढ़ता गया। फिलहाल आलम मोबाइल चोरी में मुंबई के किसी जेल में बंद है। इधर,अन्य शातिरों  ने गिरोह बनाए और बड़ी-बड़ी वारदातों को अंजाम देने लगे। वे काम की तलाश में देश के जिन राज्यों में गए वहां घटनाओं को अंजाम देने लगे।  पियारपुर, अमानत, प्राणपुर, लखीपुर आदि गांवों के करीब 50 से अधिक युवक चोरी के धंधे में हैैं। पांच गिरोह अधिक सक्रिय है। हसन चिकना, राजू शेख, सत्तार शेख, मोतिउर शेख, आलम शेख का गिरोह पूरे देश में कुख्यात है। हसन चिकना फिलहाल बोकारो व राजू शेख मुंबई के जेल में है। इन गिरोहों ने अपनी करतूतों से विभिन्न राज्यों की पुलिस को परेशान कर रखा है। अधिकतर राज्यों की पुलिस यहां चोरों की तलाश में आ चुकी है। इलाके की भौगोलिक बनावट भी ऐसी है कि पुलिस दबिश के बाद अपराधी आसानी से पश्चिम बंगाल या बांग्लादेश चले जाते हैं। इन चोरों का नेटवर्क बांग्लादेश तक फैला है। इसलिए गिरोह के सभी सदस्य पकड़ में नहीं आते हैैं।

शटर काटने में माहिर

इन गिरोहों के सदस्य शटर काटने व लॉकर खोलने में माहिर हैं। इसके लिए वे कुछ दिनों तक दुकानों-प्रतिष्ठानों में काम कर वेलडिंग की ट्रेनिंग लेते हैैं। बैंकों का मजबूत लॉकर व सुरक्षा व्यवस्था भी इसके लिए खास मायने नहीं रखता। आभूषणों की बड़ी दुकानों के शटर भी ये आसानी से काट देते हैैं। इन गिरोहों के सदस्यों ने अपने पैतृक गांवों के अलावा पश्चिम बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में आलीशान ठिकाना बना रखा है।

कई माह तक प्लानिंग

दूसरे राज्यों में बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए ये कई महीनों तक प्लानिंग करते हैैं। जहां चोरी को अंजाम देना है उस दुकान या शोर रूम काम की तलाश में जाते हैैं। वहां काम नहीं मिला तो पास की दुकानों में भी काम कर लेते हैैं। तीन से छह महीने तक वहां की गतिविधियों व सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हैैं। अपने गिरोह के सदस्यों को बैठाकर भोजन-पानी की व्यवस्था भी करते हैैं। फिर मौका मिलते ही हाथ साफ कर देते हैैं।

बैंक का लॉकर काटकर उड़ाए थे 11 करोड़ के जेवरात

हसन चिकना गिरोह ने 25 दिसंबर 2017 को बोकारो में एसबीआइ की एडीएम बिल्डिंग शाखा के 72 लॉकरों को काटकर 11 करोड़ से अधिक के जेवरात उड़ा लिए थे। बोकारो के तत्कालीन एसपी कार्तिक एस को करीब पांच माह बाद हसन चिकना को गिरफ्तार करने में सफलता मिली थी। उसे 21 मई 2018 को महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से सोने के साढ़े पांच किलो आभूषण व 33.64 लाख रुपये बरामद हुए थे। इससे पूर्व में उसने धनबाद के निरसा में बैंक ऑफ इंडिया के 55 लॉकरों को काटकर करोड़ों का आभूषण व नकदी उड़ा लिया था। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बागडोगरा में सेंट्रल बैंक का 16 लॉकर काट कर वहां से भी करोड़ों का माल उड़ाया था। सिउड़ी में एक आभूषण दुकान में सेंधमारी कर छह करोड़ का जेवर चुराया था। इस क्रम में वह गिरफ्तार हुआ और जेल भी गया,  लेकिन जेल से निकलने के बाद फिर धंधे में जुट गया।

बेंगलुरू से टपाया 77 किलो सोना

दक्षिण पियारपुर के रहनेवाले शैफुद्दीन शेख ने गिरोह के सदस्यों संग बेंगलुरू के मुत्थुट फाइनांस के ऑफिस से जनवरी 2020 में 77 किलो सोना चुरा लिया था। पिछले साल दीपावली के बाद शैफुद्दीन मजदूरी करने के लिए कर्नाटक गया। बाद में पंचु मिस्त्री, मनाउर शेख, नामदार शेख, जुबैर शेख, शाहिद शेख, मोतिउर शेख व नाबिर शेख भी वहां पहुंचे। इस गिरोह का सरगना मोतिउर शेख है। शैफुद्दीन शेख फिलहाल राजमहल मंडल उपकारा में बंद है।

महाराष्ट्र 15 करोड़ की चोरी

अमानत दियारा का राजू शेख  मुंबई में किसी जेल में बंद है। वहां के कृष्णागिरी स्थित किसी बैंक से 15 करोड़ की चोरी में इसके गिरोह का नाम आया था। उसने बैंक की तिजोरी काटकर रुपये उड़ाए थे। गिरोह के कई सदस्य पुलिस गिरफ्त से दूर हैं। पियारपुर के सत्तार शेख व आलम शेख का भी गिरोह है। आलम शेख सत्तार शेख का बड़ा भाई है।

देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस राधानगर, राजमहल, तीनपहाड़ व तालझारी थाना क्षेत्र में कई जगहों पर साहिबगंज पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर चुकी है।  चोरी मामले में दर्जनों लोगों को  गिरफ्तार भी किया गया है। इन गिरोहों पर पैनी नजर है।

-अनुरंजन किस्पोट्टा, एसपी साहिबगंज

chat bot
आपका साथी