Dhanbad Judge Murder Case: पांच दिन बाद भी एसआइटी के हाथ खाली, ऑटो चालक और उसके साथी का होगा लाई डिटेक्टर टेस्ट

झारखंड पुलिस के विशेष जांच दल ने उन लोगों की भी सूची निकाली है जिन्हें न्यायाधीश उत्तम आनंद ने अपराध के लिए सजा सुनाई है। बोकारो और पलामू में रहते न्यायाधीश ने कई लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। माओवादी भी सजा पाए हैं।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 10:41 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 10:41 AM (IST)
Dhanbad Judge Murder Case: पांच दिन बाद भी एसआइटी के हाथ खाली, ऑटो चालक और उसके साथी का होगा लाई डिटेक्टर टेस्ट
जज उत्तम आनंद और हादसे का सीसीटीवी फुटेज फोटो ( फाइल फोटो)।

अश्विनी रघुवंशी, धनबाद। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या की जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा जरूर कर दी है, लेकिन इसके बावजूद झारखंड पुलिस की विशेष जांच टीम ने इस मामले को सुलझाने की दिशा में अपनी सारी ताकत झोंक दी है। विशेष जांच दल का नेतृत्व कर रहे एडीजी संजय आनंद लाटकर ने एसएसपी संजीव कुमार को निर्देश दिया है कि आटो से न्यायाधीश को टक्कर मारने वाले लखन वर्मा और राहुल वर्मा को लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने के लिए अदालत में पहल करे। संभवत: सोमवार या मंगलवार को आरोपितों की लाई डिटेक्टर टेस्ट (झूठ पकडऩे वाली मशीन से जांच) के लिए पुलिस न्यायालय में अनुरोध करे। लखन और राहुल वर्मा की रिमांड अवधि बढ़ाने का भी अदालत से अनुरोध किया जाएगा।

लाई डिटेक्टर टेस्ट कोलकाता और दिल्ली में होता है। इस टेस्ट के लिए संबंधित आरोपित से सहमति जरूरी है। अदालत में यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। दरअसल, विशेष जांच दल को अंदाजा है कि सीबीआइ जांच की अनुशंसा के बाद अनुसंधान के लिए उन लोगों के पास अधिक वक्त नहीं है। मुकदमा सीबीआइ के पास जाने के पहले विशेष जांच दल उन सारी बातों को खंगाल लेना चाहता है ताकि किसी तरह के सवाल नहीं उठे। पुलिस को पहले अंदेशा था कि आटो चोरी में स्थायी चालक गोपाल लोहार का भी हाथ है। लखन और गोपाल लोहार के बीच रिश्तेदारी भी है। मोबाइल लोकेशन के जरिए पता लगा है कि आटो की चोरी के वक्त गोपाल लोहार चासनाला में नहीं था।

जिसपर रेकी का शक वो बीसीसीएल का कर्मचारी

जिस वक्त न्यायाधीश उत्तम आनंद को आटो से मारा गया, उसके ठीक पीछे से बाइक से एक व्यक्ति गुजरा था। उसने सड़क किनारे गिरे न्यायाधीश की अनदेखी की और आटो के पीछे बढ़ता गया। हाई कोर्ट ने अंदेशा जताया था कि कहीं वो रेकी तो नहीं कर रहा था। पुलिस ने उस बाइक सवार को खोज निकाला है। वह व्यक्ति बीसीसीएल की कोयला खदान में काम करता है। पूछताछ में यह बात आई है कि वो ड्यूटी के बाद जगजीवन नगर आवास जा रहा था। रोजाना उसी राह से जाता है। ब्लड प्रेशर का मरीज है। न्यायाधीश का खून देख सहम गया था। इसलिए तुरंत आगे निकल गया। अपनी बातों के समर्थन में उसने दस्तावेज भी दिखाए हैैं।

न्यायाधीश के आदेश से सजायाफ्ता की भी निकाली सूची

झारखंड पुलिस के विशेष जांच दल ने उन लोगों की भी सूची निकाली है जिन्हें न्यायाधीश उत्तम आनंद ने अपराध के लिए सजा सुनाई है। बोकारो और पलामू में रहते न्यायाधीश ने कई लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। माओवादी भी सजा पाए हैैं। कई ऐसे लोग हैैं जो सजा पूरी करने के बाद बाहर निकल चुके हैैं। पुलिस यह जानने में लगी है कि ऐसे किसी सजायाफ्ता अपराधी अथवा उनसे जुड़े लोगों से आरोपितों का संपर्क था या नहीं। इसके लिए कई विधि से जांच चल रही है।

न्यायाधीश की हत्या के मुकदमे में उन सारे पहलुओं पर काम किया जा रहा है। जरूरत हुई तो लाई डिटेक्टर टेस्ट की भी अनुमति मांगी जाएगी। तनिक इंतजार कीजिए।

-संजय आनंद लाटकर, अपर पुलिस महानिदेशक, झारखंड

chat bot
आपका साथी