झरिया में तीसरे दिन भी नहीं हुई जलापूर्ति

जासं झरिया जामाडोबा जल संयंत्र की लचर व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। मोटर में आई

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 08:21 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 09:17 PM (IST)
झरिया में तीसरे दिन भी नहीं हुई जलापूर्ति
झरिया में तीसरे दिन भी नहीं हुई जलापूर्ति

जासं, झरिया : जामाडोबा जल संयंत्र की लचर व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। मोटर में आई खराबी और बिजली समस्या के कारण गुरुवार को तीसरे दिन भी झरिया शहर और इसके आसपास क्षेत्रों में जलापूर्ति बाधित रही। लगभग छह लाख लोगों में पानी के लिए हाहाकार मचा है। मंगलवार को डीवीसी की ओर से संयंत्र में की गई बिजली कटौती के कारण जलापूर्ति बाधित रही। बुधवार को दामोदर नदी के पास लगे इंटेकवेल के मोटर में आई खराबी के कारण जलापूर्ति बाधित है। मोटर पंप में आई खराबी के कारण और बिजली की समस्या से संयंत्र के नौ और 12 एमजीडी फिल्टर प्लांट में जल भंडारण नहीं हो पा रहा है। इस कारण तीन दिनों से झरिया कोयलांचल में जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। जामाडोबा जल संयंत्र के कर्मचारियों ने बताया कि खराब मोटर पंप की मरम्मत बुधवार की रात तक कर ली गई है। बिजली के आने-जाने से फिल्टर प्लांट में जल भंडारण नहीं हो पा रहा है। नियमित बिजली की आपूर्ति होते ही जल भंडारण का कार्य शुरू हो जाएगा। इसके बाद झरिया में जलापूर्ति की जाएगी। कर्मचारियों का कहना है कि संयंत्र के संसाधन काफी पुराने हो चुके हैं। आए दिन मोटर पंप में खराबी आती रहती है। पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसके कारण समस्या बनी रहती है। जुगाड़ तंत्र के सहारे ही जलापूर्ति यहां से की जाती है। जामाडोबा संयंत्र के शिफ्ट इंचार्ज कृष्णा चौबे ने कहा कि झमाडा प्रबंधन को संयंत्र की समस्याओं का स्थाई रूप से समाधान करना चाहिए, तभी झरिया और आसपास इलाके में नियमित जलापूर्ति संभव है। झमाडा के एसडीओ पंकज झा ने कहा कि संयंत्र में खराब मोटर पंप को ठीक कर लिया गया है। बिजली की थोड़ी समस्या है। नियमित बिजली आने के बाद झरिया में जलापूर्ति शुरू हो जाएगी। इधर, जल्द नियमित जलापूर्ति नहीं होने पर लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

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भौरा 19 नंबर में संकट बरकरार

भौरा: भौरा 19 नंबर बस्ती में जल संकट बरकरार है। कुछ दिनों पहले प्रबंधन ने जलापूर्ति का आश्वासन दिया था, लेकिन पहल नहीं हुई। इस मुहल्ले में घुसते ही सड़क की बांयी ओर ऊपर में बसे 30-35 घरों में तो मई के बाद लगभग जलापूर्ति बंद है। कभी कभार नल से एकाध बाल्टी पानी गिर जाता है। इसलिए अधिसंख्य लोग पानी खरीदते हैं या कहीं दूर से पानी लाते हैं। दरअसल, हाल के दिनों में मेन लाइन के कनेक्शन की संख्या में अप्रत्यशित वृद्धि हुई है। इस कारण टंकी में पानी नहीं पहुंचता है। मुहल्लेवासी आंदोलन के मूड में हैं।

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