Dhanbad: लिलटेन अंगारपथरा के लोग हैं भयभीत, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
सिजुआ के तेतुलमुड़ी 22/12 बस्ती के जामा मस्जिद धाराशाई होने के बाद लिलटेन अंगारपथरा के रैयत और भयभीत हो गए हैं। उनके जेहन में हर वक्त यह भय सताने लगी है कि कहीं कोई बड़ी हादसा नहीं हो जाए।
संवाद सहयोगी, कतरास: सिजुआ के तेतुलमुड़ी 22/12 बस्ती के जामा मस्जिद धाराशाई होने के बाद लिलटेन अंगारपथरा के रैयत और भयभीत हो गए हैं। उनके जेहन में हर वक्त यह भय सताने लगी है कि कहीं कोई बड़ी हादसा नहीं हो जाए। 10 अगस्त को अंगारपथरा- गजलीटांड़ मुख्य मार्ग में रात के आठ बजे दरार तथा सड़क किनारे गोफ बन गया था। इसके बाद रैयतों ने प्रबंधन के द्वारा भराई कार्य को रोक दिया है। क्षेत्रीय प्रबंधक व स्थानीय पुलिस के द्वारा समझाने बुझाने के बाद लोग शांत हुए थे। तीसरे दिन 13 अगस्त को भराई करने दिया गया था। इससे पूर्व देर रात बगल में सड़क में तथा रैयत लक्ष्मी देवी के घर की दीवार पर दरार पड़ गई थी। फिलहाल लक्ष्मी के स्वजनों के उक्त कमरे से समान बाहर निकालकर दूसरे कमरे में रह रही है। रैयतों द्वारा प्रबंधन से लगातार स्थाई निदान निकालने की मांग करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि सात रैयतों के जमीन धीरे धीरे बर्बाद होता जा रहा है। प्रबंधन इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर रही है। उनका कहना है कि मामला न्यायालय में लंबित पड़ा हुआ है।
लक्ष्मी ने बताया कि एक वर्ष पूर्व भी दीवार व जमीन पर दरार पड़ी थी। जिसे सीमेंट से मरम्मत करा लिया गया था। यहां कभी भी दरार पड़ जाती है। अंगारपथरा गजलीटांड़ जाने वाले सड़क पर भी दरार को देख सिर्फ अपनी नौकरी बचाने के लिए स्थानीय प्रबंधन ने वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक दिया था। उनका कहना था कि 26 एकड़ जमीन है जो प्रबंधन के लापरवाही के कारण अग्नि प्रभावित इलाका में तब्दिल हो गया है। जमीन के बदले नियोजन व मुआवजा का मामला न्यायालय में लंबित है। गोफ बनते ही प्रबंधन द्वारा उक्त स्थल की भराई कर दी जाती है। रैयत मधुसूदन महतो ने बताया कि दो साल पहले काली मंदिर भी धाराशायी हो गया। हमलोगों ने हंगामा किया इसके बाद भी कोई ठोस नतीजा नहीं सामने आया है।इस मामले को लेकर पूर्व जलेश्वर समर्थक, स्व. राजकिशोर महतो लड़ चुके हैं। फिलहाल अपने स्तर लड़ रहे हैं।