दस साल में बीसीसीएल में पकड़े गए 350 कोयला चोर, फिर भी नहीं रुक रही कोयला चोरी

कोल इंडिया की विभिन्न कोयला कंपनियों में करीब 8547 सीसीटीवी केमरा लगाया गया है। जहां से चोरी सहित अन्य कामों की निगरानी होती है। कोल डंप लोडिंग स्थल कांटा घर स्टोर सहित कई स्थानों पर सीसीटीवी लगाया गया है।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 03:56 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 03:56 PM (IST)
दस साल में बीसीसीएल में पकड़े गए 350 कोयला चोर, फिर भी नहीं रुक रही कोयला चोरी
कोयला चोरी का यह नजारा धनबाद कोयलांचल में आम है ( फाइल फोटो)।

आशीष अंबष्ठ , धनबाद। कोयला कंपनियों की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सहित कंपनी की सिक्योरिटी गार्ड के भरोसे रहती है। परियोजना से उत्पादित कोयला के साथ साथ अवैध खनन के दौरान 2010 से 2020 के बीच तीस हजार से अधिक छापामारी की। इस छापामारी में 350 चोर पकड़े गए। पांच हजार से अधिक साइकिलें, मोटरसाइकिल, जीप, आटो जब्त किया गया। जिसकी कीमत करीब तीस करोड बतायी जा रही है। कोल इंडिया को भेजी गई रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है। कोयला कंपनियों का कहना है कि कोयला चोरी गुप्त रूप से चोरी छिपे किया जाता है। इस लिए सही आकलन कर पाना संभव नहीं है।

सौ करोड़ से अधिक कोयला चोरी

धनबाद क्षेत्र में करीब सौ करोड़ से अधिक का कोयला चोरी होना का आकलन बताया जा रहा है। इससे साफ लगा रहा है कि अ‌वैध कोयला के कारण धनबाद में आए दिन भी घटना घटती रहती है।

बीसीसीएल का सुरक्षा पर पांच सौ करोड़ का खर्च

बीसीसीएल का सालना सुरक्षा व्यवस्था पर पांच सौ करोड़ का खर्च आता है। इसमें करीब 280 करोड़ सीआइएसएफ पर है। इसके अलावा अन्य व्यवस्था पर राशि खर्च होती है। इसके बाद भी

8547 सीसीटीवी केमरा से हो रही निगरानी फिर हो रही चोरी

कोल इंडिया की विभिन्न कोयला कंपनियों में करीब 8547 सीसीटीवी केमरा लगाया गया है। जहां से चोरी सहित अन्य कामों की निगरानी होती है। कोल डंप, लोडिंग स्थल, कांटा घर, स्टोर सहित कई स्थानों पर सीसीटीवी लगाया गया है। उसके बाद भी सुरक्षा को भेद कर कोयला चोरी सहित अन्य सामानों की चोरी हो रही है।

7934 गाडि़यों में लगा है जीपीएस सिस्टम

कोल इंडिया में कोयला ढोने वाली वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है। ताकि कोयला चोरी को रोका जा सके। ट्रासपोर्टिंग करने वाले 7934 वाहनों पर जीपीएस लगाया गया है, ताकि वाहन उस दिशा में काम करें जहां उनका रूट तय है। ऐसे नहीं करने पर वाहन को पकड़ने में आसानी होगी। बीसीसीएल में करीब एक हजार से अधिक वाहन में जीपीएस लगाया गया है। उसके बाद भी बरोरा, ब्लाक टू व कतरास क्षेत्र के कई वहान लोडिंग स्थल में कोयला नहीं गिराकर गोविंदपुर, बरवाअड्डा क्षेत्र में कोयला गिराते पकड़े गए।

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