Jharkhand Panchayat Elections: मुखिया, जिला परिषद, पंचायत समिति और वार्ड सदस्यों का बढ़ेगा कार्यकाल; जानिए हेमंत सरकार की तैयारी

Jharkhand Panchayat Elections जनवरी में पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने पर समिति बनाकर पंचायतों का कार्यकाल संचालित करने का निर्णय लिया गया था। पर पंचायती राज अधिनियम के तहत नव गठित समितियों का कार्यकाल छह माह निर्धारित था। अब चुनाव होने तक कार्यकाल बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 01:50 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 09:22 PM (IST)
Jharkhand Panchayat Elections: मुखिया, जिला परिषद, पंचायत समिति और वार्ड सदस्यों का बढ़ेगा कार्यकाल; जानिए हेमंत सरकार की तैयारी
कोरोना के कारण झारखंड में पंचायत चुनाव स्थगित ( सांकेतिक फोटो)।

बीके पांडेय, बोकारो। झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अंतिम पंचायत चुनाव 2015 में हुआ था। अगला पंचायत चुनाव दिसंबर, 2020 में निर्धारित था। लेकिन कोरोना का कारण झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने पंचायत चुनाव नहीं करने का निर्णय लिया। इसके बाद जनवरी 2021 में छह महीने के लिए पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाया गया था। छह महीने का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। फिलहाल पंचायत चुनाव के आसार नहीं हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने अब चुनाव होने तक कार्यकाल बढ़ाने का मन बना लिया है। इस बाबत जल्द ही अधिसूचना जारी हो सकती है।

पहले बढ़ाया गया था छह महीने का कार्यकाल

बोकारो के पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल अगला चुनाव होने तक बढ़ सकता है, इसका रास्ता साफ हो गया है। अब पंचायत राज विभाग के आदेश का इंतजार है। पंचायत राज विभाग को अधिसूचना जारी करनी है। वहीं, 16 जुलाई राज्य सरकार के विधि विभाग में कोरोना महामारी का हवाला देते हुए झारखंड पंचायती राज अधिनियम 2001 से संबंधित संशोधन अध्यादेश जारी कर दिया है। सरकार के जारी अध्यादेश में पंचायती राज अधिनियम की धारा 24 की उप धारा चार के बाद नई उप धारा पांच को जोड़ा गया है, जिसके तहत महामारी जिसमें ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन के लिए निर्वाचन कराना संभव न हो तो राज्य सरकार उस ग्राम पंचायत के संबंध में छह माह से अधिक अथवा आगामी निर्वाचन पूर्ण होने तक की अवधि के लिए निर्णय ले सकेगी। इसी प्रकार धारा 42 और धारा 57 में एक-एक उपबंध जोड़े गए हैं। पंचायती राज अधिनियम की धारा 107 के बाद उपबंध छह जोड़ा गया है। अध्यादेश जारी होने के बाद अब जिला प्रशासन को सरकार की अधिसूचना का इंतजार है। वर्तमान में जिले के 249 पंचायत, नौ प्रखंड तथा जिला परिषद में कार्यकारी समिति काम कर रही है। 23 जनवरी को जिले के सभी पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। जिले में जिला परिषद के 31, पंचायत समिति के 294, 249 मुखिया तथा 2958 वार्ड सदस्य हैं। माना जा रहा है कि अवधि विस्तार का रास्ता प्रशस्त हो गया है। सरकार अब निर्णय ले सकेगी।

27 जुलाई तक है समितियों का कार्यकाल

जनवरी में पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने पर समिति बनाकर पंचायतों का कार्यकाल संचालित करने का निर्णय लिया गया था। पर पंचायती राज अधिनियम के तहत नव गठित समितियों का कार्यकाल छह माह निर्धारित था। इसी आलोक में 28 जनवरी 2021 को उपायुक्त बोकारो ने जिले के पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर समितियों का गठन किया था। इन समितियों का कार्यकाल 27 जुलाई को समाप्त हो रहा है। माना जा रहा है कि इसके पूर्व अधिसूचना जारी होने के बाद समितियां ज्यों का त्यों कार्य करेगी। हालांकि नए संशोधन के बाद समय अवधि निर्धारित नहीं है । संभावना है कि जब तक कोरोना का संक्रमण कम नहीं हो या हो जाता और चुनाव की स्थिति नहीं बन जाती है तब तक यह समितियां इसी तरह काम करती रहेंगी। 

बोकारो में पंचायत प्रतिनिधियों से संबंधित आंकड़े

क्रम संख्या-प्रखंड -जिप सदस्य -पंसस -मुखिया- वार्ड सदस्य-कुल 1. गोमिया--5-46-36--36-462-549 2. बेरमो -2--20-19--201--242 3. नावाडीह--3--28--24--275--330 4. चंद्रपुरा --3--26--23--265--317 5. पेटरवार ---3--26--23--264--316 6. कसमार---2--18---15--182--217 7. जरीडीह--2--21--17--210--250 8. चास--6--63--54--636--759 9. चंदनकियारी---5--46--38--463--552 कुल -- 31 --294--249--2958--3532

बोकारो के पंचायतों में नवगठित समितियों का कार्यकाल 27 जुलाई तक है। इसके बाद क्या होगा। इसके लिए सरकार के आदेश का इंतजार है, जो भी निर्देश मिलेगा वैसा किया जाएगा।

-राज शेखर, जिला पंचायत राज पदाधिकारी , बोकारो

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