लॉकडाउन के कारण महामाई का पट बंद, पुजारी से लेकर दुकानदार भुखमरी के कगार पर Dhanbad News
कोरोना वायरस के दूसरे लहर के बढ़ते तेवर को देखते हुए झारखंड सरकार ने प्रदेश में लाकडाउन के कारण हर तबके के लोगों के बीच फांकाकसी की स्थिति उत्पन्न कर दी है । सरकारी गाइडलाइन के तहत महामाई लिलौरी के पट को बंद कर दिया गया है ।
संवाद सहयोगी, कतरास: कोरोना वायरस के दूसरे लहर के बढ़ते तेवर को देखते हुए झारखंड सरकार ने प्रदेश में लाकडाउन के कारण हर तबके के लोगों के बीच फांकाकसी की स्थिति उत्पन्न कर दी है । आर्थिक स्थिति से हर वर्ग के लोग लड़खड़ा गया है । सरकारी गाइडलाइन के तहत महामाई लिलौरी के पट को बंद कर दिया गया है । मंदिर के चारों ओर बांस का बैरिकेडिंग कर दिया गया है । इस आस्था के केंद्र महामाई लिलौरी सिर्फ पुजारी ही पूजा अर्चना करते हैं । जहां खस्सी की जगह केला व केतारी ( ईख) की बलि दी जाती है । आम लोगों के लिए पूजा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है । मंदिर के पुजारी से लेकर प्रसाद दुकानदार, फूल माला, श्रृंगार प्रसाधन, नाश्ता चाय, धर्मशाला के मालिक से लेकर सेवक तक को खाने के लाले पड़ गये हैं । हर किसी के जुबान से बस एक ही बात निकल रही थी, सरकार ने लाकडाउन लगाया अच्छा किया पर हम लोगों के लिए कुछ जरूर सोचना चाहिए था। आखिर हम लोगों का परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा । भीख मांगने का भी जगह नहीं है । दिन भर मंदिर के पास बैठता हूं और फिर निराश होकर खाली हाथ घर लौट जाता हूं । शादी-ब्याह, मुंडन से लेकर सारे अनुष्ठान पर रोक लगा दी गई है । मंदिर का पट बंद रहने से सभी के सामने रोजी-रोटी की समस्या सामने आ खड़ी हो गई है । आसपास के लोग कुछ न कुछ कारोबार कर जीवन यापन कर रहे थे । अगर इसी कुछ दिन और मंदिर बंद रहा तो लोगों के विकट स्थिति उत्पन्न हो जाएगी ।