AIIMS Deoghar: राजनीतिक विवाद और कोर्ट-कचहरी अलग बात, तीन महीने से मरीजों को मिल रहा टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ

देवघर एम्स की तरफ से 11 मई से टेलीमेडिसिन की सेवा जारी है। अब तक हजारों लोगों ने इस सेवा का लाभ लिया है। कोरोना काल में पचास फीसद लोग कोविड के बारे में परामर्श लिए हैं। सरकार के गाइड लाइन के हिसाब से उचित सलाह दी जाती है।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 05:37 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 05:37 PM (IST)
AIIMS Deoghar: राजनीतिक विवाद और कोर्ट-कचहरी अलग बात, तीन महीने से मरीजों को मिल रहा टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ
देवघर में नवनिर्मित एम्स का ओपीडी भवन ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, देवघर। एम्स देवघर का ओपीडी बनकर तैयार है। भवन का शुभारंभ नहीं हुआ है। संप्रति एम्स के चिकित्सक पिछले तीन महीना से टेलीमेडिसिन सेवा दे रहे हैं। अब तक हजारों लोग इस सेवा से लाभ ले चुके हैं। टेलीमेडिसिन सेवा शुरू होने से पहले से देवीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एम्स के चिकित्सक ओपीडी सेवा दे रहे हैं। यहां सप्ताह में दो दिन सोमवार एवं शुक्रवार को चिकित्सीय परामर्श दी जा रही है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की सूची सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर डिसप्ले की जा चुकी है। जिले और जिला से बाहर के लोग इसका लाभ ले रहे हैं। एम्स परिसर में ओपीडी भवन बन जाने के बाद भी सेवा शुरू नहीं होने पर उच्च न्यायालय ने भी संज्ञान लिया है। इस पर बहुत राजनीति भी हो रही है। जनता तो सेवा चाहती है, उसे राजनीति से नहीं स्वास्थ्य सेवा से मतलब है। फेडरेशन आफ झारखंड चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा गया है। मांग किया गया है कि ओपीडी भवन तैयार है इसलिए सेवा शुरू की जाए।

11 मई से अब तक हजारों लाभान्वित

बता दें कि मई महीने में कोविड की सलाह लेने वाले मरीजों व स्वजनों के लिए कोरोना संबंधित चिकित्सीय परामर्श सेवा शुरू की गयी है। 11 मई से टेलीमेडिसिन की यह सेवा आरंभ हुई है। अब तक हजारों लोगों ने इस सेवा से लाभ लिया है। एम्स प्रबंधन के मुताबिक कोरोना काल में पचास फीसद लोग कोविड के बारे में परामर्श लिए हैं। उनको उचित सलाह, सरकार के गाइड लाइन के हिसाब से बता दिया जाता है। कई लोगों ने वैक्सीन के बारे में जानकारी ली है। उनके मन में भ्रम की स्थिति थी, जिसे दूर किया गया है। पांच-छह मरीज को अस्पताल में भर्ती हैं, उनलोगों ने भी कॉल किया था। उनको सलाह दिया गया कि वह अस्पताल के चिकित्सक के परामर्श पर रहें।

देवघर के अलावा दूसरे जिले के मरीज भी उठा रहे सेवा का लाभ 

बता दें कि टेलीमेडिसिन सेवाओं का ना केवल देवघर के लोग बल्कि दूसरे जिले और राज्य के लोग भी लाभ ले रहे हैं। टेलीमेडिसिन हेल्पलाइन नंबर 8252726690 एवं 8252762011 पर संपर्क कर कोरोना से संबंधित जरूरी परामर्श ले सकते हैं। परामर्श का समय सुबह दस बजे से दोपहर एक बजे तक। दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक तय किया गया है।

एम्स में शीघ्र शुरू हो ओपीडी सेवाएं

फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संप क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आलोक मल्लिक ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर कहा है कि देवघर एम्स में ओपीडी सेवा देने के लिए तैयार हो चुका है। आयुष भवन और रैन बसेरा भवन को अविलंब जनता को समर्पित किया जाए। अप्रैल से ही एम्स में सुविधाएं बहाल हो चुकी है, लेकिन तब से लगातार इसके उद्घाटन की तिथियां परिवर्तित हो रही है। जनता बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रह रही है। एम्स देवघर में तत्काल ओपीडी सेवा, पैथोलॉजी एवं अन्य जांच तथा 50 बेड आपातकालीन सेवा के लिए तैयार है तथा आवश्यक मेडिकल नियुक्ति भी हो चुकी है, ऐसे में और अधिक नहीं टालकर अगस्त में इसका उद्घाटन कर जनता को समर्पित करने की मांग की गई है। क्षेत्रीय उपाध्यक्ष ने कहा है कि यदि किन्हीं कारणों से अगस्त में उद्घघाटन संभव नहीं हो तो एम्स के प्रशासी परिषद के अधिकारियों द्वारा अनौपचारिक रूप से आंतरिक शुभारंभ कर स्वास्थ्य सेवाएं जनता को समर्पित की जाय। तैयार संरचनाओं के बावजूद संताल परगना सहित पूरे झारखण्ड और पड़ोसी बिहार एवं बंगाल राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं लंबे समय तक लंबित रखना न सिर्फ अनुचित है बल्कि जन आकांक्षाओं के विपरीत भी है। प्रधानमंत्री के अति महत्वाकांक्षी बड़ी परियोजनाओं का लाभ जनता को न मिलना क्षेत्र में असंतोष पैदा कर रहा है।

नियुक्ति में स्थानीयता को प्राथमिकता की मांग

चैंबर ने मांग किया है कि एम्स देवघर की आपूर्ति एवं खरीददारी में स्थानीयता तथा स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता मिले। इसके साथ ही तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग तथा पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति में भी स्थानीयता को प्राथमिकता दिया जाय। अन्य जरूरी सेवाओं जैसे परिवहन, पेटी कॉन्ट्रेक्ट, प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी, खाद्य आपूर्ति, पैन्ट्री एवं कैटरिंग, लॉन्ड्री आदि सेवाओं में भी स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग की गई है।

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