हर्ल के जलागार में नहाने गई किशोरी की डूबने से मौत

संस सिदरी सिदरी बस्ती निवासी फटीक मंडल की 17 वर्षीय पुत्री सुनीता कुमारी बुधवार को स्नान क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 08:02 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:02 PM (IST)
हर्ल के जलागार में नहाने गई किशोरी की डूबने से मौत
हर्ल के जलागार में नहाने गई किशोरी की डूबने से मौत

संस, सिदरी : सिदरी बस्ती निवासी फटीक मंडल की 17 वर्षीय पुत्री सुनीता कुमारी बुधवार को स्नान करने के दौरान हर्ल के गहरे सेटलिटैंक जलागार में डूब गई। एक घंटा के बाद भी सुनीता के घर नहीं पहुंचने पर स्वजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। पता चला कि वह जलागार में डूब गई है। पिता फटीक सिदरी बस्ती के लोगों के साथ जलागार के पास पहुंचे। किसी तरह सुनीता को पानी से निकाला गया। स्वजन और बस्ती के लोग उसे इलाज के लिए तुरंत एसएनएमएमसीएच ले गए। जांच के बाद चिकित्सक ने सुनीता को मृत घोषित कर दिया। लोगों ने बताया कि गरीब फटीक एसीसी सिदरी सीमेंट कारखाना में मजदूर है। सुनीता इंटर में अध्ययनरत थी। सुनीता अकेले हर्ल के जलागार में स्नान करने गई थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि हर्ल के जलागार की लंबाई और चौड़ाई लगभग आधा किलोमीटर है। इसकी गहराई लगभग 12 फीट है। जलागार की सुरक्षा के उपाय प्रबंधन की ओर से नहीं किए जाने से इसके पूर्व भी इसमें डूब कर कई लोगों की मौत हो चुकी है।

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70 वर्ष पूर्व बनाया गया था जलागार

सिदरी में एफसीआइ खाद कारखाना बनने के समय 1948 में इस सेटलिटैंक यानी जलागार का निर्माण किया गया था। जलागार पांच तालाबों का समूह है। यह खुला हुआ है। सेटलिटैंक जलागार में दामोदर नदी से मोटर व पाइप के सहारे पानी आता है। जलागार में गंदा पानी सेटल हो जाता है। पानी की गंदगी सतह में बैठ जाता है। पास के फिल्टर प्लांट से तालाब के उपरी सतह से पानी खींच कर फिल्टर किया जाता है। यही पानी सिदरी के लोगों को आपूर्ति की जाती है। इसमें लोग स्नान भी करते हैं।

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