Cyber Crime Hub Jamtara: यहां के ठग एक से एक तकनीक का लेते सहारा, एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर भी खाते से निकाल लेते रुपये
Cyber Crime Hub Jamtara जामताड़ा के साइबर ठगों का दिमाग कंप्यूटर से तेज चलता है। जब तक लोग इनकी ठग विद्या को समझ पाते हैं तब तक ये नई तकनीक को लेकर सामने आ जाते हैं। इन दिनों लिंक और कस्टर केयर इनके खतरनाक हथियार हैं।
प्रमोद चौधरी, जामताड़ा। देश के 23 राज्यों के बैंक खाताधारकों की राशि उड़ाकर पुलिस की नींद उड़ाने वाले जामताड़ा के डिजिटल ठग अपराध के लिए तकनीक भी बदल रहे हैं। लिंंक व कस्टमर केयर प्लेटफार्म उनका एक और हथियार है। आनलाइन गूगल एड, डेबिट क्रेडिट कार्ड, आनलाइन जाब, शादी आफर समेत कई लिंक भेज कर वे ठगी कर लेते हैं। पेटीएम खाताधारकों को भी चपत लग रही है। 10 साल पहले शुरुआती दौर में हेलो आपरेशन चला था। फिर ठग फोन काल की जगह मैसेज भेजकर अपराध करने लगे। पे फार यू, आइ मोबाइल, मूवी किक, पेटीएम, एयरटेल मनी, आइडिया मनी, वोडाफोन मनी, पे फार इंडिया को साइबर ठग अपना साधन बना रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि ठग इनके कस्टमर की लिस्ट की व्यवस्था कर उनके नंबर पर लिंक भेजते हैं।
यूं बनाते हैं शिकार
साइबर ठग कभी बैंक अधिकारी बनकर आपके खाते की जरूरी जानकारी लेकर ठगी करते हैं। तो कभी मोबाइल नंबर बंद होने की बात कह केवाइसी कराने के नाम पर लिंक भेजते हैं। कुछ रुपये मांगते हैं, आप आगे बढ़े तो समझिए ठग लिए गए। अपराधी एटीएम स्कीपिंग डिवाइस से कार्ड की जरूरी जानकारी कापी कर लेते हैं। इसे एटीएम मशीन के कार्ड के एंट्री प्वाइंट में फिट कर दिया जाता है। कोई कार्ड पैसा निकालने को मशीन में डालता है तो उसकी जानकारी डिवाइस में स्टोर हो जाती है। फिर कार्ड का क्लोन बनाकर ठगी की जाती है। इलेक्ट्रानिक्स, आटोमोबाइल, एयरवेज समेत अन्य कंपनियां कस्टमर सर्विस देती हैं। ठग कस्टमर सर्विस के लिए गूगल पर अपना नंबर डालते हैं। सर्विस के लिए किसी ने उस नंबर पर फोन किया तो लिंक भेजकर ठग लेते हैं।