अब ड्रॉपआउट बच्चों को लाने उनके घर जाएंगे शिक्षक Dhanbad News
ड्रॉपआउट बच्चे या स्कूल से दूर बच्चों को विद्यालय लाने के लिए शिक्षक उनके घर तक जाएंगे। केवल यही नहीं उनके अभिभावकों को भी पढ़ाई और स्कूल के महत्व के बारे में बताया और समझाया जाएगा ताकि बच्चों को पढ़ाई से जोड़ा जा सके
जागरण संवाददाता धनबाद : ड्रॉपआउट बच्चे या स्कूल से दूर बच्चों को विद्यालय लाने के लिए शिक्षक उनके घर तक जाएंगे। केवल यही नहीं उनके अभिभावकों को भी पढ़ाई और स्कूल के महत्व के बारे में बताया और समझाया जाएगा, ताकि बच्चों को पढ़ाई से जोड़ा जा सके। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन (ओओएससी) को मुख्यधारा में लाने की कवायद शुरू कर दी है। आदेश में कहा कि इन बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए स्कूल में नामांकन जरूरी है। इसके लिए सभी विद्यालयों के पोषक क्षेत्र में चिह्नित आउट ऑफ स्कूल, ड्रॉपआउट बच्चों से शिक्षक फोन या एक-एक बच्चे के घर-घर जाकर सम्पर्क करेंगे। इस प्रक्रिया में विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य व पंचायत प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, प्राइवेट स्कूल, कस्तूरबा गांधी स्कूल, झारखंड अवासीय बालिका विद्यालय, आवासीय व होम बेस्ड एजुकेशन समेत अन्य स्कूलों में नामांकन कराया जाएगा। परियोजना ने कहा कि राज्य में चलाए जा रहे डिजिटल या अन्य माध्यम की शिक्षा प्रणाली से बच्चों को जोड़ने व पढ़ाई जारी रखने में आवश्यक सहयोग करें। इस संबंध में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने 30 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी है। जानकारों का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के नवंबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच आउट ऑफ स्कूल, ड्रॉपआउट चिह्नित कर शिशु पंजी को अपडेट किया गया था। ड्रॉपआउट बच्चों की सूची प्रबंध पोर्टल पर इंट्री करने को कहा गया। इसकी जिम्मेवारी एमडीएम के सभी प्रखंड डाटा इंट्री ऑपरेटर व कस्तूरबा स्कूल समेत अन्य स्कूलों के कंप्यूटर ऑपरेटर को दी गई है।