Guru Purnima 2021: गुरु ही शिष्य के जीवन को अंधकार से ले जाता है प्रकाश की ओर

गुरु पूर्णिमा पर गुरुओं की पूजा करने और उनका सम्मान करने की परंपरा हजारों सालों से चलती आ रही है। इस मौके पर शहर के विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना की जाएगी। कई लोग अपने घरों में गुरु वंदना और भगवान विष्णु की आराधना करेंगे।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 01:24 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 01:24 PM (IST)
Guru Purnima 2021: गुरु ही शिष्य के जीवन को अंधकार से ले जाता है प्रकाश की ओर
लोग अपने घरों में गुरु वंदना और भगवान विष्णु की आराधना करेंगे। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जासं, धनबादः गुरु पूर्णिमा पर गुरुओं की पूजा करने और उनका सम्मान करने की परंपरा हजारों सालों से चलती आ रही है। इस मौके पर शहर के विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना की जाएगी। कई लोग अपने घरों में गुरु वंदना और भगवान विष्णु की आराधना करेंगे। ऐसा माना जाता है कि इस दिन हर व्यक्ति को अपने गुरू की पूजा करनी चाहिए। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

इस दिन शहर के विभिन्न साईं मंदिराें में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। विनाेदनगर त्रिमूर्ति साईं मंदिर, पूजा टाकिज साईं मंदिर, बरमसिया साईं मंदिर सहित अन्य शहर के साईं मंदिराें में गुरु पूर्णिमा विभिन्न तरह के पूजन कार्यक्रम आयाेजित किए गए। त्रिमूर्ति साईं मंदिर के संयाेजक सुनील कुमार शास्त्री का कहना है कि त्रिमूर्ति मंदिर में अभिषेक व पूजना सुबह से की जा रही है।

 इसके साथ ही दान पुण्य भी की जाएगी। बताया गया कि इस तिथि को लेकर ऐसा माना गया है कि इसी दिन आषाढ़ पूर्णिमा पर ही वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। इनके जन्म दिन के उपलक्ष्य पर ही सदियों से गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन की परंपरा चली आ रही है। इस दिन लोग स्नान कर पूजा करने के बाद अपने अपने गुरुओं को दान पूर्ण करते हैं। क्योंकि गुरु ही शिष्य के जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। 

गुरु पूर्णिमा पर किए जाएंगे पूजा पाठ

शहर के भुईफोड़ मंदिर में गुरु पूर्णिमा पर अनुष्ठान सुबह चार बजे से ही शुरू की गई है। सबसे पहले मंगल आरती की गई। इसके बाद गीता व चंडी पाठ के साथ संघ गीता पाठ किया गया। तथा शाम को सात बजे पूजा आरती व भोग का अनुष्ठान होगा। इसके साथ ही मातृ संघ संग जन कल्याण सेवाश्रम की ओर से श्री श्री मां तारा मंदिर में गुरु पुर्णिमा पर पूजा आराधना की गई। संध्या में मंदिर परिसर में ही गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गायन एवं नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। 

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