तनाव के लक्षण हैं सीने में भारीपन और भूख न लगाना

यदि आपके सीने में भारीपन की शिकायत हो रही है कभी-कभी सांस लेने में कठिनाई होती है तो जरूरी नहीं कि हृदय रोग अथवा सीने से संबंधित कोई बीमारी हो। दरअसल यह तनावग्रस्त लोगों में नए लक्षण पाए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 06:18 AM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 06:18 AM (IST)
तनाव के लक्षण हैं सीने में भारीपन और भूख न लगाना
तनाव के लक्षण हैं सीने में भारीपन और भूख न लगाना

धनबाद : यदि आपके सीने में भारीपन की शिकायत हो रही है, कभी-कभी सांस लेने में कठिनाई होती है, तो जरूरी नहीं कि हृदय रोग अथवा सीने से संबंधित कोई बीमारी हो। दरअसल, यह तनावग्रस्त लोगों में नए लक्षण पाए गए हैं। कोरोना संक्रमण काल ने लोगों की सोशल बिहेवियर (सामाजिक व्यवहार) में बदलाव लाया है। ऐसे में सबसे ज्यादा लोगों पर मानसिक समस्याएं तेजी से उभर कर सामने आई हैं। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तनावग्रस्त लोगों के नए लक्षणों की पहचान की है। डब्ल्यूएचओ के साथ केंद्र सरकार राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत झारखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों में इसे लेकर कार्यक्रम शुरु कर रहे हैं, ताकि तनाव से होने वाली परेशानियों के प्रति लोग अवगत हो पाएं। सामुदायिक स्तर पर बदला है लोगों में व्यवहार :

कोरोना संक्रमण काल में सामुदायिक स्तर पर लोगों तेजी से व्यवहार में बदलाव आया है। यह व्यवहार खान-पान से लेकर रहन-सहन तक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि लाकडाउन की वजह से लोगों को काफी समय घरों में गुजारना पड़ा। छोटे बच्चों को अधिक समय तक आनलाइन क्लास पर रहना पड़ा। कोरोना संक्रमण के कारण पूरे समुदाय में भय का माहौल रहा। यह सभी कारक लोगों के मानसिक समस्याओं का कारण बना है। यही वजह है कि संक्रमण काल के बाद मानसिक रोगों में बढ़ोतरी हुई है। तरह ग्रस्त लोगों के यह है नए लक्षण :

सीने में भारीपन का अहसास

सिर में लगातार दर्द रहना

गर्दन में खराश होना

कंधों में दर्द होना

मांस पेशी में खिचाव होना

भूख नहीं लगना

पेट में मरोड़ होना राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का दिया जा रहा प्रशिक्षण :

मानसिक तनाव को देखते हुए धनबाद में भी राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तनाव का एक बड़ा प्रेशर किशोरावस्था में रह रहे बच्चे-बच्चियों को भी हुआ है। युवा मैत्री केंद्र की काउंसलर रानी प्रसाद बताती हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश के बाद मानसिक तनाव से ग्रसित किशोर-किशोरियों के लिए विशेष काउंसलिग शुरू हो रही है। इसके लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण और वर्कशाप हो रहे हैं। किशोर-किशोरियों इससे काफी प्रभावित हुए हैं। खुद को नुकसान पहुंचाने की प्रगति इन वर्गों में काफी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे लोगों को समय पर काउंसलिग करके मानसिक अवसाद को दूर किया जा सकता है।

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