Black Fungus: बोकारो में मिला संदिग्ध मरीज, अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सह कोविड-19 के नोडल पदाधिकारी डॉ. एनपी सिंह के अनुसार ब्लैक फंगस की चपेट में कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मरीज आते हैं। मुंह नाक दिमाग और फेफड़ों को प्रभावित करता है। यह शुगर पेशेंट या कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए जानलेवा साबित होता है।
बोकारो, जेएनएन। बोकारो में ब्लैक फंगस का संदिग्ध केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। बीमारी से एक महिला पीड़ित है, जिसका इलाज बोकारो जनरल अस्पताल में चल रहा है, जिसकी जांच चल रही है। यह पता किया जा रहा है कि वह ब्लैक फंगस से बीमार है या कोई दूसरी बीमारी से ग्रसित है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिले में अब तक एक भी ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीजों की पुष्टि नहीं हुई है। संदिग्ध मरीज की जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पाएगा।
ठीक हुए या हो रहे मरीज आते हैं चपेट में
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सह कोविड-19 के नोडल पदाधिकारी डॉ. एनपी सिंह के अनुसार ब्लैक फंगस की चपेट में कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मरीज आते हैं। मुंह, नाक, दिमाग और फेफड़ों को प्रभावित करता है। यह शुगर पेशेंट या कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए जानलेवा साबित होता है। अब तक के शोध के अनुसार, गंभीर मरीज को बचाने के लिए स्टेरॉयड के उपयोग से यह इंफेक्शन हो रहा है। ब्लैक फंगस के लक्षण आंखों का लाल होना, पानी गिरना और खुजली व चुभन होने को सामान्य संक्रमण मानकर लापरवाही नहीं बरते। यह ब्लैक फंगस इंफेक्शन की शुरुआत भी हो सकती है। इस वजह से किसी भी स्थिति में सामान्य रूप से न लें। ब्लैक फंगस से आंखों की रोशनी भी चली जाती है। यदि नजर कमजोर होने लगे तो इसे गंभीरता से लें और तत्काल चिकित्सक से मिलें। अन्य वायरल इंफेक्शन भी होता है, जिसमें आंखों में सफेद धब्बा सा हो जाता है। ऐसी स्थिति में जरा सी लापरवाही जीवनभर के लिए नजर कमजोर कर देती है। ऐसे में, तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार करवाएं। यह बरते सावधानियां घर से बाहर निकलते समय मास्क के साथ ही चश्मे का प्रयोग भी अवश्य करें। घर आने पर जैसे मास्क धोते हैं वैसे ही चश्मा भी धोना चाहिए। बार-बार आंखों को छूने से परहेज करें। किसी भी प्रकार के आई ड्राॅप बिना चिकित्सक के परामर्श के आंखों में नहीं डालें। आंखों में किसी भी प्रकार का इंफेक्शन दिखने पर तत्काल चिकित्सक से मिलें।