3 महीने से डॉक्टर गए ट्रेनिंग में, रेडियोलोजी जांच केंद्रों का निरीक्षण हुआ बंद Dhanbad News

पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत प्रत्येक माह के 5 तारीख को फार्म जमा करके रेडियोलॉजी केंद्रों को स्वास्थ्य विभाग को सौंपना है। लेकिन कुछ रेडियोलॉजिक केंद्र समय पर फार्म एफ नहीं कर रहे हैं। अब ऐसे केंद्रों पर विभाग कार्रवाई करेगा।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 05 Sep 2021 11:57 AM (IST) Updated:Sun, 05 Sep 2021 11:57 AM (IST)
3 महीने से डॉक्टर गए ट्रेनिंग में, रेडियोलोजी जांच केंद्रों का निरीक्षण हुआ बंद Dhanbad News
धनबाद में जांच घरों की जांच नहीं।

जागरण संवाददाता, धनबाद। कन्या भ्रूण हत्या की खिलाफ जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ एक और लोगों को जागरूक करना है, तो दूसरी ओर विभिन्न रेडियोलॉजी सेंटर में नियमित निरीक्षण करना है। लेकिन धनबाद में पिछले 3 महीने से रेडियोलॉजी केंद्र का निरीक्षण बंद है। दरअसल, पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभारी डॉ कुमार गौतम 3 महीने से ट्रेनिंग पर बाहर गए हुए हैं। डॉक्टर के ट्रेनिंग पर जाने के बाद विभाग में दूसरा कोई डॉक्टर नहीं बचा है। जबकि विभाग के पास मात्र एक कर्मचारी ही है। ऐसे में अब रेडियोलॉजी केंद्र का निरीक्षण पूरी तरह से बंद हो गया है। यही वजह है कि अब इन रेडियोलॉजी केंद्र में क्या जांच और कैसे हो रही है इसकी भी कोई अस्पष्ट जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। जिले में 67 रेडियोलॉजी केंद्र संचालित है।

नियमित फार्म एफ भी नहीं जमा कर रहे कुछ रेडियोलॉजी केंद्र

पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत प्रत्येक माह के 5 तारीख को फार्म जमा करके रेडियोलॉजी केंद्रों को स्वास्थ्य विभाग को सौंपना है। लेकिन कुछ रेडियोलॉजिक केंद्र समय पर फार्म एफ नहीं कर रहे हैं। अब ऐसे केंद्रों पर विभाग कार्रवाई करेगा। दरअसल फार्म ऑफ में रेडियोलॉजी केंद्र में आने वाले मरीजों का विवरण होता है। जिसमें अल्ट्रासाउंड करवाने वाले तमाम मरीजों के नाम पता अल्ट्रासाउंड कराने का कारण आदि दर्ज होते हैं। जिससे विभाग संबंधित मरीज से सीधे संपर्क करके पूछ सकता है कि उन्होंने किस चीज की जांच करवाई है। इसके साथ कई और जानकारियां फार्म एफ के तहत मिलती है।

लिंगानुपात में धनबाद में बेहद खराब स्थिति

धनबाद में लिंगानुपात की स्थिति राज्य में बेहद खराब है। 1000 पुरुषों की तुलना में धनबाद में 908 महिलाएं हैं। कई प्रखंड के पंचायतों में यह लिंगानुपात 850 के आसपास है। इसमें धनबाद प्रखंड और गोविंदपुर प्रखंड के पंचायत शामिल है। इन्हीं कारणों को देखते हुए जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आंदोलन शुरू किया गया। अभी भी स्थिति में ज्यादा परिवर्तन नहीं हो पाया है। सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर बताते हैं कि लोगों को जागरूक होना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया विभागीय स्तर से जो कमी है, उसे जल्द पूरा किया जाएगा।

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