Dhanbad Bar Association Fund scandal: सुप्रीम कोर्ट से पूर्व अध्यक्ष, वर्तमान महासचिव और पूर्व कोषाध्यक्ष को नोटिस

अधिवक्ता हरिहर प्रसाद ने धनबाद बार एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष महासचिव व कोषाध्यक्ष के विरूद्ध कोष के गबन का आरोप लगाते हुए अदालत में शिकायतवाद दाखिल किया था।

By mritunjayEdited By: Publish:Sat, 27 Apr 2019 08:37 AM (IST) Updated:Sat, 27 Apr 2019 08:37 AM (IST)
Dhanbad Bar Association Fund scandal: सुप्रीम कोर्ट से पूर्व अध्यक्ष, वर्तमान महासचिव और पूर्व कोषाध्यक्ष को नोटिस
Dhanbad Bar Association Fund scandal: सुप्रीम कोर्ट से पूर्व अध्यक्ष, वर्तमान महासचिव और पूर्व कोषाध्यक्ष को नोटिस

धनबाद, जेएनएन। धनबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कंसारी मंडल, वर्तमान महासचिव देवीशरण सिन्हा और पूर्व कोषाध्यक्ष मधुसूदन चक्रवर्ती को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। तीनों के विरूद्ध एक करोड़ 21 लाख 20 हजार रुपए के घोटाले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद बार एसोसिएशन की राजनीति फि र गरमा गई है। धनबाद कोर्ट के अधिवक्ता हरिहर प्रसाद ने झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा 22 जनवरी 2019 को पारित किए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। झारखंड उच्च न्यायालय ने तीनों पदाधिकारियों के विरुद्ध लंबित घोटाले के शिकायतवाद को निरस्त कर दिया था।

एक करोड़ 21 लाख 20 हजार रुपये के घोटाले का आरोप : धनबाद के वरीय अधिवक्ता हरिहर प्रसाद ने बार एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष कंसारी मंडल, महासचिव देवीशरण सिन्हा व कोषाध्यक्ष मधुसूदन चक्रवर्ती के विरूद्ध बार के कोष के गबन का आरोप लगाते हुए अदालत में शिकायतवाद 15 जनवरी 2015 को दाखिल किया था। प्रसाद ने पदाधिकारियों के विरुद्ध एक करोड़ 21 लाख 20 हजार रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था। शिकायतवाद के मुताबिक उपरोक्त अधिकारियों ने मॉडल रूल को ताक पर रख कर काम किया। बिना जनरल बॉडी के अनुमोदन के ही दस हजार से अधिक रुपये की निकासी की। धनबाद के प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी प्रताप चंद्रा की अदालत ने उपरोक्त तीनों पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रथमदृष्टया आरोप सही पाते हुए भादवि की धारा 406, 420, 120 बी और 34 के तहत संज्ञान लेते हुए सभी को हाजिर होने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट ने दी थी राहत : निचली अदालत के इसी आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।  झारखंड उच्च न्यायालय ने उपरोक्त पदाधिकारियों द्वारा दायर क्रिमिनल एमपी नंबर 1311/15 में 22 जनवरी 2019 को आदेश पारित करते हुए निचली अदालत द्वारा पारित संज्ञान के आदेश को निरस्त कर दिया था, जिसे हरिहर प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट मे एसएलपी दायर कर चुनौती दी थी। एसएलपी पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार कौल एवं इंदिरा बनर्जी की खंडपीठ ने झारखंड सरकार, झारखंड स्टेट बार काउंसिल एवं धनबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कंसारी मंडल, वर्तमान महासचिव देवीशरण सिन्हा एवं पूर्व कोषाध्यक्ष मधुसूदन चक्रवर्ती के विरुद्ध नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।

chat bot
आपका साथी