Maithon Power Limited की रेल लाइन का हुआ सफल ट्रायल, अब रैक से होगी कोयले की आपूर्ति

मैथन पावर लिमिटेड झारखंड का एक प्रमुख विद्युत उत्पादन इकाई है। यह टाटा पावर और डीवीसी का संयुक्त उपक्रम है। एक दशक पहले इसका निर्माण हुआ। लेकिन जमीन विवाद के कारण रेल लाइन का काम अधूरा पड़ा था। निर्माण पूरा होने के बाद इसका ट्रायल सफर रहा है।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 31 Aug 2021 05:59 PM (IST) Updated:Tue, 31 Aug 2021 06:17 PM (IST)
Maithon Power Limited की रेल लाइन का हुआ सफल ट्रायल, अब रैक से होगी कोयले की आपूर्ति
रेल लाइन ट्रायल के माैके पर इंजन पर सवाल एमपीएल और पूर्व रेलवे के अधिकारी ( फोटो जागरण)।

जासं, मैथन/ निरसा।  एमपीएल में बहुत जल्द कोयले की आपूर्ति रेलवे रैक के माध्यम से होगी। एमपीएल बनने के बाद उसमें लगनेवाले कोयले की ढुलाई हाईवा के माध्यम से होती है। रेल रैक से प्लांट तक कोयले की आपूर्ति सुलभ बनाने के लिए रेलवे प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इसी कड़ी में पूर्व रेलवे के थापानगर रेलवे स्टेशन से एमपीएल के कोल यार्ड तक लोको इंजन का सफल ट्रायल किया गया। थापरनगर रेलवे स्टेशन पर एमपीएल साइडिंग के टेक आफ प्वाइंट से एमपीएल के सीईओ रमेश झा व रेल प्रोजेक्ट हेड सीबी सिंह ने हरि झंडी दिखाकर डीजल रेल इंजन को एमपीएल प्लांट के लिए रवाना किया। एमपीएल के सीईओ रमेश झा ने आसनसोल रेल मंडल के पदाधिकारियों, कर्मियों, आरपीएफ के अधिकारियों व जवानों, रेल प्रोजेक्ट समेत एमपीएल के अधिकारियों व कर्मियों को बधाई दी। रेल प्रोजेक्ट हेड सीबी सिंह ने भी सभी के प्रति आभार जताया।

कोयले की आपूर्ति में अब नहीं होगी बाधा

कुछ दिन पहले ही एमपीए रेल लाइन थापरनगर रेलवे स्टेशन के टेक आफ प्वाइंट से कनेक्ट हुआ था और रेलवे की टीम ने टावर वैगन के माध्यम से विद्युत प्रणाली का निरीक्षण किया था। सोमवार को सफल ट्रायल हुआ। मौके पर एमपीएल के वरीय पदाधिकारी एमएस रहमान, डीके गंगलाल, तरुण चट्टोपाध्याय, काजल कुमार सिंह, रणधीर कुमार, अरविंद यादव, संदीप खेडवाल, निलेश अंबर, रुपेश सिंह, सुब्रतो दत्ता, संजीव सिंहा, अजय कुमार, प्रशांत देशमुख, शिशिर सिंह, हरिशंकर सिंह, मनीष कुमार, फैज आलम ,विकास कुमार राजीव कुमार, अशोक साह आदि उपस्थित थे।

अभी सड़क परिवहन से हो रही कोयले की ढुलाई

मैथन पावर लिमिटेड में कोयले से बिजली का उत्पादन होता है। इसकी क्षमता एक हजार मेगावाट से ज्यादा है। बिजली उत्पादन के लिए इस प्लांट में बड़े पैमाने पर कोयले की आवश्यकता होती है। रेल लाइन चालू नहीं होने के कारण ईसीएल, बीसीसीएल और सीसीएल के सड़क मार्ग से कोयले का परिवहन हो रहा था। रेल लाइन चालू होने के बाद अब रेल रैक से कोयले की ढुलाई होगी।

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