दुनिया के छह विश्वविद्यालयों को पीछे छोड़ IIT ISM ने मारी बाजी, विदेशी छात्रों संग मिल कर रहे शोध

विभिन्‍न कंपनियों की समस्याओं के समाधान के साथ-साथ शैक्षिणक गतिविधियों को बेहतर करने की दिशा में प्रयास शुरू हो गया है। इसके लिए आइआइटी आइएसएम धनबाद के छात्र-छात्राएं अब विदेशी विश्वविद्यालयों के छात्रों के साथ मिलकर न केवल शोध करेंगे बल्कि शोध को एक नई गति और दिशा प्रदान करेंगे।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 10:31 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 10:31 AM (IST)
दुनिया के छह विश्वविद्यालयों को पीछे छोड़ IIT ISM ने मारी बाजी, विदेशी छात्रों संग मिल कर रहे शोध
रिसर्च में इंडस्ट्री तथा एकेडमिक से संबंधित मौलिकता को प्रस्तुत करना है।

जागरण संवाददाता, धनबाद: विभिन्‍न कंपनियों की समस्याओं के समाधान के साथ-साथ शैक्षिणक गतिविधियों को बेहतर करने की दिशा में प्रयास शुरू हो गया है। इसके लिए आइआइटी आइएसएम धनबाद के छात्र-छात्राएं अब विदेशी विश्वविद्यालयों के छात्रों के साथ मिलकर न केवल शोध करेंगे, बल्कि शोध को एक नई गति और दिशा प्रदान करेंगे।

सोसाइटी ऑफ पेट्रोलियम इंजीनियरिंग धनबाद के आइआइटी आइएसएम स्टूडेंट चैप्टर के छात्रों संग मिलकर इंटर चैप्टर रिसर्च एक्सचेंज का आयोजन कर रहा हैं। रिसर्च में इंडस्ट्री तथा एकेडमिक से संबंधित मौलिकता को प्रस्तुत करना है। इससे संबंधित प्रतियोगिता में कोरोराडो स्कूल ऑफ माइंस, द यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास आस्टिन, आरजीआइपीटी, आइआइटी मद्रास तथा आइआइटी आइएसएम के करीब 50 छात्रों ने हिस्सा लिया है। गर्व की बात यह है कि दुनिया के छह विश्‍वविद्यालय के शोधार्थियों को पीछे छोड़ आइआइटी आइएसएम के विद्यार्थियों ने बाजी मारी है। इनमें अंडरग्रेजुएट में प्रथम स्थान आइआइटी आइएसएम के शुभम अग्रवाल मिला है, जबकि आइएसएम के ही निखिल अग्रवाल को दूसरा स्थान मिला है। पोस्ट ग्रेजुएट एमएस, पीएचडी में पहला स्थान आइआइटी आइएसएम के दिव्यांशु व्यास को मिला, जबकि दूसरे स्थान पर योंगजान लीयू टीएएमयू के छात्र रहे। छात्रों ने आयोजन के लिए सोसाइटी ऑफ पेट्रोलियम इंजीनियरिंग बैंगलुरू सेक्शन तथा इस्माणा चैप्टर को धन्यवाद दिया है।

छात्रों का कहना है कि जल्द इस तरह की अन्य प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा। इसका मुख्य उद्देश्य है कि छात्र-छात्राएं शोध से संबंधित अपने सर्वश्रेष्ठ को सभी के सामने प्रस्तुत करें। वे अपनी कल्पना को धरातल पर बेहतर मंच पर उतारें। वहीं निर्णायक के रूप में आइआइटी धनबाद के प्रो. केका ओझा, अजय सूरी तथा सेल हयूस्टन के आकाश विश्वास आदि शामिल थे।

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