Bokaro के 32 अस्पतालों ने आयुष्मान के मरीजों का इलाज कर कमाए 22 करोड़ रुपये...जानिए धरातल की रिपोर्ट
सबसे बड़े स्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारंभ करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि यह योजना देश की दिशा व दशा बदल देगी। गरीब जहां चाहे वहां इलाज करा सकेगा। खास कर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था का पूरा सिस्टम ही बदल जाएगा।
बीके पाण्डेय, बोकारो : सबसे बड़े स्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारंभ करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि यह योजना देश की दिशा व दशा बदल देगी। गरीब जहां चाहे वहां इलाज करा सकेगा। खास कर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था का पूरा सिस्टम ही बदल जाएगा। थोड़े से पैसे के लिए जो चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ समय की चोरी कर निजी अस्पतालों में सेवा देते हैं वे अपने पदस्थापन स्थल पर सेवा देंगे। उन्हें वेतन के अलावा आयुष्मान के कार्डधारियों के इलाज करने पर इंसेटिव मिलेगा। साथ ही मरीज को सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र में आवश्यकता के अनुसार न तो दवा की कमी होगी और न ही अन्य किसी सुविधा की। पर सरकारी दावा झारखंड में फेल हो गया। जिस अस्पताल में मुश्किल से 50 बेड , पार्किंग प्लेस व आधा दर्जन चिकित्सक तक नहीं थे। उन अस्पतालों ने 21 सितंबर 2018 से मई 2021 के बीच करोड़ों रुपये गरीबों का इलाज कर कमा लिया। इस पर न तो प्रशासन, न ही जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया। पूरे राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों ने मिलकर 28 करोड़ की बीमार राशि प्राप्त की। वहीं बोकारो के 32 अस्पतालों ने 22.27 करोड़ रुपये बीमा कंपनी से आयुष्मान के मरीजों का इलाज कर प्राप्त कर लिया। यदि यह राशि जिले के अस्पताल को मिलते तो लगभग 5.5 करोड़ रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि यहां के चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को मिला होता।
राधानगर वेलनेस सेंटर का पीएम ने किया था ऑनलाइन उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 सितंबर को रांची के प्रभात तारा मैदान में आयुष्मान भारत के तहत् प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के शुभारंभ के साथ ही देशभर में इस योजना की शुरू किया था। तब उन्होंने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर राधानगर का ऑनलाइन उद्घाटन किया था। तब बड़े-बड़े सपने दिखाए गए थे। जिले की बात करें तो बोकारो जनरल अस्पताल के अलावा कुछ अस्पतालों को छोड़ दिया जाय तो सदर अस्पताल के सामने कहीं भी खड़े नहीं होते हैं। बोकारो के सदर अस्पताल में दो दर्जन चिकित्सक 100 पारा मेडिकल स्टाफ, एसआरएल का लैब, 30 वेंटलेटर, फिजियोथेरेपी, आंख, दंत चिकित्सा के साथ अन्य वे सभी उपकरण हैं जो बोकारो के 70 प्रतिशत निजी अस्पताल में नहीं है। पर कमाई के मामले में ये बोकारो सदर अस्पताल से आगे निकल गए हैं।
21 सितंबर 2018 से मई 2021 तक सरकारी अस्पतालों द्वारा प्राप्त किया गया बीमा राशि
1. सदर अस्पताल ,रांची : 5.98 करोड़
2. सदर अस्पताल , हजारीबाग : 3.36 करोड़
3. सदर अस्पताल ,पश्चिमी सिंहभूम : 2.71 करोड़
4. सदर अस्पताल , गुमला : 2.57 करोड़
5.सदर अस्पताल , दुमका : 1.64 करोड़
6.सदर अस्पताल , सिमडेगा : 1.46 करोड़
7. सदर अस्पताल , कोडरमा : 1.33 करोड़
8. मेडिकल कॉलेज धनबाद : 1.27 करोड़
9. सदर अस्पताल , बोकारो : 1.07 करोड़
10. सदर अस्पताल , देवघर : 32.56 लाख
11.एमजीएम जमशेदपुर : 67.90 लाख
12.सदर अस्पताल , पूर्व सिंहभुम : 62.73 लाख
13. सदर अस्पताल , गिरिडीह : 67.43 लाख
14. सदर अस्पताल , गोड्डा : 57.25 लाख
15. सदर अस्पताल , पलामु : 57.13 लाख
16. सदर अस्पताल ,खुंटी : 46.27 लाख
17. सदर अस्पताल , साहेबगंज : 45.97 लाख
18. सदर अस्पताल , गढ़वा : 43.07 लाख
19. सदर अस्पताल , चतरा : 40.97 लाख
20.सदर अस्पताल , लोहरदगा : 35.68 लाख
21. सदर अस्पताल ,लातेहार : 32.33 लाख
22. सदर अस्पताल , रामगढ़ : 26.04 लाख
23.सदर अस्पताल ,सरायकेला खरंसवा : 21.29 लाख
24.सदर अस्पताल , जामताड़ा : 19.58 लाख
25. सदर अस्पताल ,पाकुड़ : 10.35 लाख
बोकारो जिले के निजी अस्पताल ने प्राप्त किया है।
1. आदित्य सेवा सदन रिसर्च सेंटर : 3.31 लाख
2. आकश अस्पताल : 2.92 लाख
3. आशा हॉस्पीटल : 28.86 लाख
4. आशा शशी हॉस्पीटल : 23.16 लाख
5. भारत हॉस्पीटल एंड रिसर्च सेंटर : 11.37 लाख
6. वृंदावन नर्सिंग होम : 63.30 लाख
7. चेस्ट अस्पताल : 20.86 लाख
8. सिटी केयर हॉस्पीटल : 13.53 लाख
9. दिव्य स्वास्तिक प्राइवेट लिमिटेड : 65.39 लाख
10. ग्लोबल हॉस्पीटल : 1.52 करोड़
11. इंडियन हेल्थ केयर : 31.14 लाख
12. जैन अस्पताल : 2.72 करोड़
13. कृष्णा नर्सिंग होम : 66.80 लाख
14. लीला जानकी पारा मेडिकल कॉलेज : 1.03 करोड़
15. मां शरादा चैरिटेबल अस्पताल : 26.27 लाख
16. मुस्कान अस्पताल : 10.83 लाख
17. नीलम अस्पताल प्राइवेट लिमिटेड : 1.6 करोड़
18. प्रुडेंस अस्पताल : 17.87 लाख
19. आरएनबी अस्पताल : 46.21 लाख
20. संजीवनी हेल्थ केयर सेंटर : 1.75 करोड़
21. सन्विका अस्पताल : 1.88 करोड़
22. सत्यम अस्पताल : 31.7 लाख
23. सेवा सदन : 1.35 करोड़
24. शांति हेल्थ केयर अस्पताल : 50.60 लाख
25. शिव शक्ति : 1.06 करोड़
26. शिव शक्ति अस्पताल : 20.49 लाख
27. श्री साइं अस्पताल : 51.37 लाख
28. संत उपेल अस्पताल : 99.58 लाख
29. सूखुशी चिल्ड्रेन अस्पताल : 1.22 करोड़
30. स्वास्तविक अस्प्ताल : 16500
31. उपेल हस्पिटल : 10.76 लाख
32 . वृति डायलॉशीस : 1. 34 लाख
बोकारो जनरल अस्पताल को छोड़ दें तो न तो बोकारो सदर अस्पताल जितना बेड, उपकरण और अन्य सुविधा किसी भी अस्पताल में है। सबसे बड़ी बात है कि यहां न तो चिकित्सकों की कमी है और न ही अस्पताल भवन की। पर कुछ चिकित्सक जो काम करने के आदी नहीं है। वे मरीजों को भर्ती कराने के बजाय भगा देते हैं या फिर निजी अस्पतालों के दलाल उन्हें गांव से सरकारी अस्पताल के बजाय निजी अस्पताल तक पहुंचा देते हैं। चिकित्सक - 26 नर्स ए ग्रेड - 40 फार्मासिस्ट - 7 लैब तकनीशियन- 8 एक्स-रे तकनीशियन- 2 ओटी सहायक - 2 आइसीयू सहायक -2 ड्रेसर - 3 नेत्र विभाग के सहायक - 2 अन्य स्टाफ - 70
अस्पताल में सुविधा
1. डिजिटल एक्स-रे
2. अल्ट्रा साउंट
3. पैथोलॉजिकल लैब सरकारी
4. पैथालॉजिकल लैब एसआरएल का प्राइवेट
5. फीजियोथेरैपी सेंटर
6. 26 वेंटिलेटर युक्त बेड
7. आइसीयू
8. बेबी केयर यूनिट
9. चौबीस घंटे बिजली की सुविधा सोलर सिस्टम भी उपलब्ध है।
10. एंबुलेंस सेवा
11. नर्सिंग स्टाफ व चिकित्सकों के रहने का इंतजाम
12. ट्रूनेट मशीन चार सेट कोरोना जांच के लिए
13. इसीजी मशीन
14. सुविधा संपन्न ब्लड बैंक
15. कैंटिन व अन्य सुविधा
वर्जन
पूर्व में कुछ कमी हुई है । अब आयुष्मान को बेहतर किया जा रहा है। सदर अस्पताल में अब किसी प्रकार कर कमी नहीं है। बेहतर सेवा मिल रहा है। कुछ एक मामलों में सर्जन की कमी है तो उसे दूर करने का काम किया जा रहा है। लोगों से भी अपील है कि यदि उनके पास आयुष्मान कार्ड है तो उसे दिखाएं , उन्हें सुविधा होगी।
डॉ. एनपी सिंह, उपाधीक्षक बोकारो सदर अस्पताल