प्रेम विवाह के बाद पति ने कर लिया था किनारा; फिर कुछ ऐसा हुआ जिससे दोनों फिर से एक दूसरे के हो गए Dhanbad News
भारतीय मानवाधिकार संगठन कि मदद से एक परिवार बिखरने से बच गया। संगठन के पास कुछ दिन पहले एक मामला आया। जिसमें एक महिला सुषमा दास ने यह शिकायत की उसका पति पिछले तीन माह से उसको किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं कर रहा है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: भारतीय मानवाधिकार संगठन कि मदद से एक परिवार बिखरने से बच गया। संगठन के पास कुछ दिन पहले एक मामला आया। जिसमें एक महिला सुषमा दास ने यह शिकायत की उसका पति पिछले तीन माह से उसको किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं कर रहा है। लड़की एक भाड़े के मकान में अपनी तीन साल की बच्ची के साथ कोलकाता में मुश्किल से अपना जीवन व्यतीत कर रही है। पति धनबाद का रहनेवाला है। चार साल पूर्व उन दोनों का प्रेम विवाह हुआ था। लड़की के इस कदम के बाद उसके घरवालों ने उसे अपने हाल पर छोड़ दिया और किसी भी तरह का संबंध नहीं रखा। महिला ने शिकायत भारतीय मानवाधिकार संगठन से की और न्याय कि गुहार लगाई।
भारतीय मानवाधिकार संगठन की महिला शाखा की अध्यक्ष गार्गी बनर्जी और उपाध्यक्ष संगीता सिंह ने तुरंत मौके की नज़ाकत को देखते हुए पीड़ित महिला से सम्पर्क किया। हर तरह से मदद करने का आश्वासन देते हुए उसे हिम्मत दी।
इसके बाद भारतीय मानवाधिकार संगठन के जिला अध्यक्ष शिवम बजाज ने उस महिला के पति को मिलने के लिए बुलाया और साथ में ही उन दोनों के पक्षों को सुनने के बाद उन्हें साथ में रहने की सलाह दी। झगड़ा भी खत्म करने को कहा। साथ ही साथ दोनों को संगठन के द्वारा नौकरी दिलवाने का आश्वासन भी दिया गया। दोनों साथ रहकर अपने जीवन को खुशहाल तरीके से व्यतीत करने को तैयार हो गए। इस पुरे प्रकरण का हल निकालने में जिला अध्यक्ष शिवम बजाज, महिला जिलाध्यक्ष गार्गी बनर्जी, महिला जिला उपाध्यक्ष संगीता सिंह, जिला उपाध्यक्ष अपूर्वा अग्रवाल, मीडिया प्रभारी सुमित बर्मन, संजय अग्रवाल, नारायण अग्रवाल, सौरभ खंडेलवाल, विवेक अग्रवाल, विशाल अग्रवाल का वशेष योगदान रहा।