मनन के मार्ग दर्शन से दर्जनों गरीबों को मिली सरकारी नौकरी
झरिया शिक्षा से बड़ा हथियार दुनिया में और कोई नहीं है। शिक्षा से व्यक्ति वह हर कुछ
झरिया : शिक्षा से बड़ा हथियार दुनिया में और कोई नहीं है। शिक्षा से व्यक्ति वह हर कुछ हासिल कर सकता है जो उनकी जरूरत है। शिक्षा जीवन जीने की राह दिखाने के साथ नौकरी भी दिलाता है। झरिया कोयरीबांध में आठ साल पूर्व गरीब बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षा की निश्शुल्क तैयारी कराने की शुरुआत की गई थी। यहां के गरीब विद्यार्थी मनन कैरियर सेंटर के मार्गदर्शन में प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होकर परचम लहराए। सेंटर के संस्थापक मनन कुमार पाठक ने इन आठ सालों में यहां के लगभग दो सौ विद्यार्थियों के बीपीएससी, जेपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंक, आयकर, शिक्षा, पुलिस आदि विभागों में जॉब मिलने का दावा किया है।
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सुपर थर्टी आनंद से मिली प्रेरणा :
सेंटर के संस्थापक झरिया निवासी मनन कुमार पाठक बताते हैं कि लगभग 10 वर्ष पूर्व शिक्षा ग्रहण करने के बाद नौकरी की खोज में हम भी लगे थे। एलआइसी में सहायक हुए। इसके बाद सरकारी नौकरी के चाह लिए पटना में तीन साल तक आनंद कुमार की सुपर थर्टी में निश्शुल्क प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की। इसके बाद पटना के सचिवालय में नौकरी मिली।
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झरिया में सुपर थर्टी की तर्ज पर की गई सेंटर की स्थापना :
मनन बताते हैं की सुपर थर्टी की तर्ज पर गरीब बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षा में निश्शुल्क तैयारी कराने के लिए ही मनन कैरियर सेंटर की स्थापना 2012 में की गई। चैन सिस्टम से सीनियर जूनियर को तैयारी कराने लगे। अभी कोरोना काल में ऑनलाइन और ऑफलाइन तैयारी कराई जा रही है।
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केस एक :
झरिया निवासी गरीब खुशबू कुमारी साव के पिता सब्जी बेचते थे। खुशबू मनन सेंटर से तैयारी कर प्रतियोगिता परीक्षा दी। अभी दिल्ली में सहायक अकेंक्षण पदाधिकारी हैं। केस दो :
एमओसीपी निवासी गरीब संजय मोदक के पिता मजदूरी करते हैं। संजय ने यहां से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की। अभी रेलवे में जॉब कर रहे हैं। केस तीन
झरिया के गरीब रजत बरनवाल के पिता सब्जी बेचते हैं। रजत यहां से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की। अभी एफसीआई में सहायक हैं। केस चार
झरिया के गरीब गणेश मोदक राजमिस्त्री का काम करते हैं। इनके पुत्र जयप्रकाश मोदक यहां से तैयारी कर अभी रेलवे में नौकरी कर रहे हैं।