सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को रघुनाथपुर में मिली 20 एकड़ जमीन

लंबे अरसे बाद सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का सपना साकार होने जा रहा है। जमीन की अड़चन की वजह से अभी तक धनबाद में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट नहीं बन पाया था। यह बाधा भी अब पार हो चुकी है। बलियापुर अंचल के रघुनाथपुर मौजा में 20 एकड़ 19 डिसमिल गैर आबाद जमीन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना के लिए नगर निगम को मिली है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 06:04 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 06:04 AM (IST)
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को रघुनाथपुर में मिली 20 एकड़ जमीन
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को रघुनाथपुर में मिली 20 एकड़ जमीन

जागरण संवाददाता, धनबाद : लंबे अरसे बाद सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का सपना साकार होने जा रहा है। जमीन की अड़चन की वजह से अभी तक धनबाद में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट नहीं बन पाया था। यह बाधा भी अब पार हो चुकी है। बलियापुर अंचल के रघुनाथपुर मौजा में 20 एकड़ 19 डिसमिल गैर आबाद जमीन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना के लिए नगर निगम को मिली है। उपायुक्त के स्तर पर जमीन हस्तांरित कर दी गई है। नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने बताया कि जल्द प्लांट बनाने की दिशा में काम शुरू हो जाएगा। धनबाद नगर निगम क्षेत्र से हर दिन 250 से 300 टन घरेलू कचरा निकलता है। इसके निस्तारण की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। सारा कचरा बनियाहीर में डंप किया जा रहा है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए जमीन की तलाश पिछले कई वर्षों से की जा रही है। अब जाकर यह तलाश पूरी हुई है। बलियापुर के अंचलाधिकारी ने इसी वर्ष फरवरी में इस जमीन को लेकर आपत्ति मांगी थी। दैनिक जागरण 24 फरवरी के अंक में बता दिया था कि रघुनाथपुर में प्लांट बनेगा। नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने बताया कि बलियापुर के रघुनाथपुर में मिली जमीन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिहाज से उपयुक्त है। कचरे का निस्तारण करने के साथ ही इसका प्रयोग भी कर पाएंगे।

प्रोसेसिंग प्लांट के लिए जमीन की तलाश पिछले दस वर्षाें से की जा रही थी। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम तो हो रहा है, लेकिन कचरे का निष्पादन आज तक शुरू नहीं हो पाया है। कचरे को केवल डंपिग यार्ड में जमा किया जा रहा है। दस साल से यही सिलसिला चल रहा है। दो-दो निगम बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो गया। पांच से अधिक नगर आयुक्त आए और चले गए, लेकिन प्लांट के लिए जमीन नहीं मिली। सिंदरी में जमीन देने के एवज में भारी-भरकम रकम मांग ली गई। इसलिए प्लांट का मामला लटक गया था। इसके बाद आमाघाटा में भी 16 एकड़ जमीन की तलाश हुई थी, यह भी तकनीकी कारणों से नहीं मिल सकी।

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