SNMMCH कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर विभिन्न मांगों को लेकर शुरू किया आंदोलन
SNMMCH कर्मियों ने कार्य बहिष्कार करके विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया। साथ ही सरकार के खिलाफ वादा खिलाफी का लगाया आरोप। अनुबंध कर्मियों पर हो रहे शोषण के विरुद्ध सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।
*विभिन्न मांगों को लेकर एनएचएम के अनुबंध कर्मियों आंदोलन शुरू*
*कार्य बहिष्कार करके कर्मियों ने शुरू की अनिश्चितकालीन आंदोलन*
सरकार के खिलाफ लगाए गए वादाखिलाफी के नारे
जागरण संवाददाता, धनबाद: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अनुबंध कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार करते हुए अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है। इस राज्यव्यापी आंदोलन में धनबाद के भी कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू किया। कर्मियों ने बताया कि अनुबंध कर्मचारियों को शोषण किया जा रहा है। अनुबंध कर्मियों की मांग में राज्य कार्यक्रम प्रबंधक ज्वाला प्रसाद समेत जिला व प्रखंड स्तर पर अन्य कर्मियों की बर्खास्तगी वापस लेने की मांग की गई। इसके साथ ही तत्काल प्रभाव से पब्लिक हेल्थ केयर को लागू करने की मांग की गई है। नेशनल हेल्थ मिशन के सभी अनुबंध कर्मियों को नियमित करने की मांग भी लंबित रही है, इसे भी पूरी करने की मांग फिर से उठ गई है। उच्चाधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार एवं मानसिक प्रताड़ना पर रोक लगाने, एचआर पॉलिसी लागू करने, पीएफ कटौती का प्रावधान समान कार्य के लिए समान वेतन लागू करने की भी मांग शामिल है।
कर्मियों का हो रहा शोषण
दूसरी ओर कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार सिंह नयन ने आंदोलन को समर्थन देते हुए मांग पूर्ति की अपील सरकार से की है। नयन ने कहा है पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवा में अनुबंध कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कोरोना संक्रमण जैसी महामारी ने कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर सेवा दी है। अब जब सरकार की ओर से हक की बात मांगी जा रही है। तब सरकार वादाखिलाफी कर रही है।
विभाग में कामकाज हो रहा प्रभावित
अनुबंध कर्मचारियों को आंदोलन शुरू करने के कारण विभाग में कामकाज पर असर पड़ने लगा है। जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर तक के स्वास्थ्य केंद्रों में कामकाज प्रभावित होने से आम मरीजों को परेशानी हो रही है। इधर सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर कांत ने बताया कि यह मुख्यालय स्तर का मामला है। स्थानीय स्तर पर जो परेशानी है, उसे दूर की जा रही है।