हैप्पी बर्थडे बिहारी बाबू: झरिया से था खास लगाव, इस कारण बनाई यह फिल्म

बिहारी बाबू के नाम से मशहूर फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा का धनबाद से खास लगाव रहा है। वह राजनीति में आने के बाद तो हर चुनाव में यहां प्रचार करने आते रहे हैं। हालांकि इससे से उनका लगाव धनबाद-झरिया से रहा है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 04:29 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 04:37 PM (IST)
हैप्पी बर्थडे बिहारी बाबू: झरिया से था खास लगाव, इस कारण बनाई यह फिल्म
फिल्म कालका के पोस्टर पर शत्रुघ्न सिन्हा ( फाइल फोटो)।

गोविन्द नाथ शर्मा, झरिया। बिहारी बाबू के नाम से मशहूर फिल्म अभिनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा आज गुरुवार 9 दिसंबर को अपना 76 वां जन्मदिन मना रहे हैं। 9 दिसंबर 1945 को पटना, बिहार में जन्में शत्रुघ्न सिन्हा ने साल 1969 में आई फिल्म 'प्यार ही प्यार' से अपने करियर की शुरूआत की। वह कई सुपरहिट फिल्मों में अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीत चुके हैं। उनका धनबाद और झरिया के प्रति आत्मिक लगाव था। इसी लगाव के कारण उन्होंने अपने होम प्रोडक्शन के तहत धनबाद की कहानी पर आधारित फिल्म 'कालका' बनाई। उनकी चचेरी बहन सिंदरी में रहती थीं। इस कारण उनका यहां आना-जाना लगा रहता था। दो दशक पूर्व एक राष्ट्रीय अभियान के तहत झरिया में आने के बाद उन्होंने अपने चर्चित डायलॉग खामोश से लोगों को खूब मनोरंजन किया था। दो दशक पूर्व शत्रुघ्न सिन्हा से जुड़ी यादें आज भी झरिया के बुजुर्ग लोगों के जेहन में ताजा है।

शत्रुघ्न ने अपनी कालका फिल्म की शूटिंग धनसार कोलियरी में की थी

झरिया चासनाला की कोयला खान दुर्घटना पर बनी बॉलीवुड की सफलतम फिल्म काला पत्थर के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने 1982 में कोयला खान दुर्घटना और मजदूरों के शोषण पर आधारित अपनी कालका फिल्म की शूटिंग वर्ष 1982 में धनबाद के धनसार कोलियरी में की थी। अपने होम प्रोडक्शन रामायण चित्र कंबाइन्स के बैनर तले कालका फिल्म का निर्माण शत्रुघ्न सिन्हा ने किया था। निर्देशक लोकसेन लालवानी व संगीतकार जगजीत सिंह व चित्रा सिंह थे। फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा राज बब्बर, अमजद खान, रामेश्वरी, सारिका, मजहर खान, अरुण गोविल, रंजीत प्रमुख भूमिका में थे। फिल्म के कलाकारों ने कई दिनों तक धनसार में शूटिंग की। फिल्म 1983 में रिलीज हुई

झरिया के सबसे पुराने सिनेमा हॉल देशबंधु में भी आए थे शत्रुघ्न सिन्हा

झरिया के सबसे पुराने सिनेमा हॉल देशबंधु के मालिक 76 वर्षीय गोपाल अग्रवाल ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि लगभग 25 साल पहले शत्रुघ्न सिन्हा राष्ट्रीय अभियान के तहत चंदा जुटाने के लिए झरिया आए थे। इस दौरान उन्हें मात्र एक घंटे में ही झरिया के लोगों ने लगभग 20 हजार रुपये दे दिए। उनकी खूब आवभगत की थी। इसके बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने सिनेमा हॉल के बाहर गैलरी में आकर हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया था। इस दौरान उन्होंने अपने खामोश और अन्य डायलॉग से लोगों का मनोरंजन भी किया था। झरिया के महेंद्र भगानिया और गंगा शरण शर्मा ने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा के आने पर बाटा मोड़ से लेकर चार नंबर तक उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई थी। मुख्य सड़क एक घंटा तक जाम हो गया था। वे लगभग दो घंटे तक झरिया में रुके थे।

रक्षा बंधन में सिंदरी निवासी शिक्षिका बहन के पास आते थे शत्रुघ्न सिन्हा

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की चचेरी बहन अन्नपूर्णा सिन्हा वर्षों तक सिंदरी में रही। अन्नपूर्णा यहां के राजेंद्र गर्ल्स हाई स्कूल की प्राचार्य थी। दो दशक पूर्व रक्षाबंधन के समय शत्रुघ्न सिन्हा कई बार अपनी बहन के यहां आकर राखी बंधवाया। बीच-बीच में भी शत्रुघ्न सिन्हा सिंदरी आते रहे। सिंदरी विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी फूलचंद मंडल के चुनाव प्रचार में यहां के नेहरू मैदान में स्टार प्रचारक के रूप में सभा की। सभा के दौरान अपने डायलॉग से शत्रुघ्न सिन्हा ने सिंदरी के लोगों का दिल जीत लिया था।

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