गोमो में करोड़ों से संवर रही रेल पटरी पर बदहाल हैं सड़कें; तो पब्लिक क्यों न भड़के Dhanbad News
रेलवे की राजस्व की दुरूयोग देखना है तो धनबाद रेल मंडल के नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन गोमो चले आइए।अधिकारियों के लापरवाहियों के कारण यंहा पर करोड़ो के लागत से बने वॉशेबल एप्रोम को अब ट्रेनों का स्पीड बढ़ाने के नाम पर लाइन बिछाने का कार्य शुरू है।
मनोज स्वर्णकार, गोमो बाजार ( धनबाद ): रेलवे की राजस्व की दुरूयोग देखना है तो धनबाद रेल मंडल के नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन गोमो चले आइए।अधिकारियों के लापरवाहियों के कारण यंहा पर करोड़ो के लागत से बने वॉशेबल एप्रोम को अब ट्रेनों का स्पीड बढ़ाने के नाम पर पुनः तोड़कर गिट्टी नुमा रेल लाइन बिछाने की कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है।
जिसको लेकर रेलवे के कई कर्मचारी दबे जुबान इसे पैसों की बर्बादी बता रहे है।उल्लेख रहे कि वर्ष 2017 में लकड़ी नुमा स्लीपर को हटा कर करोड़ो की लागत से वॉशेबल एप्रोम का निर्माण कराया गया था।उस समय ही अगर रेलवे के अधिकारियों को रेल राजस्व की चिंता होती तो इतना बड़ा नुकसान रेलवे को आज नही उठाना पड़ता दरसल यह सारा खेल कमीशन का है।ठीकेदारों को लाभ पहुंचाने को लेकर गोमो में ऐसे कई निर्माण करवाए गए।
जिन्हें एक दो वर्षों में या तो तोड़ दिया गया या तो फिर बिना उपयोग का अधूरा निर्माण कर छोड़ दिया गया।जिसका प्रमाण प्लेटफॉर्म संख्या दो व तीन पर बने करोड़ो की लागत से बनाए गए वॉशेबल एप्रोम को तोड़ना तथा गोमो स्टेशन के दक्षिणी छोर पर यात्रियों के लिए लगभग तीस लाख की लागत से बने सुलभ शौचालय को तोड़ना वंही दूसरी ओर सर्कुलेटिंग एरिया से सटे कर्मियों के लिए दर्जनों रेल आवास जो करोड़ो के लागत से लगभग दस वर्षों से अधूरा निर्माण पड़ा हुआ है।
जिसकी नजर रेलवे की किसी अधिकारी की नही है।एक ओर जंहा गोमो उत्तर पल्ली से लेकर गोमो दक्षिण पल्ली स्थित पैदल ओवरब्रिज प्लेटफॉर्म संख्या एक तक ही निर्माण करा कर छोड़ दिया गया है।बचे कार्य को पिछले कई वर्षों से कछुआ के चाल पर चल रही है।इससे साफ पता चलता है।कि गोमो में रेलवे की पैसों की बर्बाद हो रही है।वंही पूरे रेल नगरी में मुख्य सड़क से लेकर कॉलोनियों की सड़क पूरी तरह जर्जर अवस्था मे तब्दील हो गया है।रेल कॉलोनियों में गंदगी का अंबार फैला हुआ है।उसे देखने वाला कोई स्थानीय अधिकारी नही है।ऐसे में सवाल उठना लाजमी है।
क्या कहते लोग
रेलवे की लांग योजन नही रहती है।आज बनावाया कल तोड़ा जाएगा।वर्तवान केंद्र सरकार विकास के नाम पर पैसों की कमी नही कर रही है।उसी का फायदा उठा रहे अधिकारी तीन वर्ष पूर्व वॉशेबल एप्रोम का काम करोड़ो की लागत से की थी उसी वक्त स्पीड बढ़ाने का मापदंड तैयार होता तो आज नही तोड़ना पड़ता
एके पालित
बीएमएस यूनियन
रेलकर्मियों के लिए आवास सड़क की मरम्मती व सुध्य पानी की व्यवस्था नही कराती है।
जबकि रेलवे स्टेशन में पिछले तीन वर्ष पूर्व वॉशेबल एप्रोम करोड़ो की लागत से बनी थी उसी समय ट्रेनों की स्पीट तय कर बना लेना था
पंकज कुमार
शाखा सचिव
अलारसा यूनियन
वर्जन
रेल कर्मियों की सुविधा के लिए चापानल मरम्मती के लिए कोई फंड नही है।जबकि प्लेटफॉर्म संख्या दो व तीन पर तीन वर्ष पूर्व करोड़ो की लागत से वॉशेबल एप्रोम निर्माण की थी रेलवे को उसी समय स्पीड बढ़ाने के लिए यह कार्य कर लेना था।यह पूरी तरह रेलवे की पैसों की दुरुपयोग है।
राजेन्द्र सिंह उर्फ रवि मुखिया गोमो दक्षिण पंचायत