निरसा के बागती टोला में डायरिया का कहर, सात मरीज मिले
निरसा प्रखंड के पांड्रा बागती टोला में डायरिया का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को यहां डायरिया के सात नए मरीज मिले हैं। इनमें से तीन डायरिया पीड़ित को निरसा सीएचसी और चार को एसएनएमएमसीएच में भर्ती करवाया गया है।
संवाद सहयोगी, निरसा : निरसा प्रखंड के पांड्रा बागती टोला में डायरिया का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को यहां डायरिया के सात नए मरीज मिले हैं। इनमें से तीन डायरिया पीड़ित को निरसा सीएचसी और चार को एसएनएमएमसीएच में भर्ती करवाया गया है। पीड़ितों में 13 वर्षीय कृष्णा चंद्रा, 17 वर्षीय लक्ष्मी राय व 14 वर्षीय पूनम दास का इलाज निरसा सीएचसी व 25 वर्षीय उज्जवल थानदार, 30 वर्षीय चंदना थानदार, 26 वर्षीय गोविद खड़ात और 22 वर्षीय सोनाली खड़ात को इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच में भर्ती करवाया गया है। दूसरी ओर बागती टोला में डायरिया की रोकथाम के लिए शनिवार को निरसा बीडीओ विकास कुमार राय व निरसा सीएचसी प्रभारी डा. रोहित गौतम ने गांव में जाकर कैंप लगाया। बीडीओ ने स्वास्थ्य कर्मियों को डोर टू डोर सर्वे करने का निर्देश दिया। साथ ही गांव की गली, नाली व कुओं में ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव करवाया। डायरिया से प्रभावित ग्रामीणों के बीच ओआरएस का वितरण भी किया गया। साथ ही सभी ग्रामीणों को निर्देश दिया गया कि वे पानी को उबालकर पीएं और बासी भोजन का सेवन ना करें। पांड्रा पूरब व पश्चिम पंचायत के मुखिया उज्जवल तिवारी और रोबिन धीवर स्वास्थ्य कर्मियों को सर्वे करने में सहयोग कर रहे हैं। दरअसल, निरसा के पोलकेरा व बागती टोला में डायरिया कहर बनकर टूटा है। अबतक इन दोनों गांव में चार ग्रामीणों की डायरिया से मौत हो गई है। हालांकि निरसा स्वास्थ्य विभाग लोगों की डायरिया के कारण मौत से इंकार करता आ रहा है। डायरिया से डेढ़ दर्जन से अधिक ग्रामीण पीड़ित हैं। अभी भी कई ग्रामीणों का सरकारी व निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। डायरिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार कैंप लगाकर लोगों के बीच ओआरएस व दवाएं ग्रामीणों को उपलब्ध करवाई जा रही है। निरसा सीएचसी प्रभारी का कहना है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।