जान जोखिम में डालकर संक्रमितों की सेवा की, फिर भी तीन महीने से नहीं मिला वेतन

धनबाद जान जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज करने वाले कोरोना योद्धा स्वास्थ्य कर्मी पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिलने से काफी परेशान हैं। वेतन की मांग को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों ने बुधवार को सिविल सर्जन डा. श्याम किशोरकांत से मिले।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 07:59 PM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 07:59 PM (IST)
जान जोखिम में डालकर संक्रमितों की सेवा की, फिर भी तीन महीने से नहीं मिला वेतन
जान जोखिम में डालकर संक्रमितों की सेवा की, फिर भी तीन महीने से नहीं मिला वेतन

जागरण संवाददाता, धनबाद : जान जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज करने वाले कोरोना योद्धा स्वास्थ्य कर्मी पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिलने से काफी परेशान हैं। वेतन की मांग को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों ने बुधवार को सिविल सर्जन डा. श्याम किशोरकांत से मिले। कर्मियों का कहना है कि लगभग 22 स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना की दूसरी लहर में पीजी ब्लाक सेंटर में सेवा दे रहे थे। अप्रैल महीने का वेतन सभी को दिया गया। इसके बाद से तीन महीने का वेतन नहीं दिया गया है। कर्मियों की बहाली फ्रंटलाइन एजेंसी ने की थी। अब एजेंसी का कहना है उसके पास वेतन देने के लिए आवंटन नहीं आया है, तो दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह काम एजेंसी के जिम्मे है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग से लेकर एसएनएमएमसीएच के स्वास्थ्य कर्मी वेतन की गुहार लगा रहे हैं। संक्रमित मरीज कम होंगे तो स्वाब जांच में लगाया गया :

स्वास्थ्य कर्मी बिट्टू कुमार ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर कम होने के बाद पीजी ब्लाक कोविड-19 को बंद कर दिया गया। यहां के लगभग 22 कर्मचारियों को सदर अस्पताल के मोबाइल वैन में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद से सभी कर्मचारी मोबाइल वैन में बैठकर जगह-जगह स्वाब संग्रह करते हैं। लेकिन वेतन के अभाव में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण में कई लोगों की जान बचाई। लेकिन वेतन नहीं मिलने से काफी निराशा हो रही है। कर्मियों ने कहा कि यही आलम रहा, तो सभी आंदोलन तेज करेंगे।

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