केंद्र की मोदी सरकार को वासुदेव आचार्य ने बताया असंवेदनशील, कहा-लेबर कोड लागू नहीं होने देंगे Dhanbad News
आचार्य ने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों को हर हाल में निजी क्षेत्र को सौंपने के सरकार की नीति का असर दिखने लगा है। बीसीसीएल में जनवरी महीने के वेतन का भी भुगतान नहीं हो पाया। कोई इसका कोयला खरीदने को राजी नहीं है।
धनबाद, जेएनएन। 42 से अधिक श्रमिक कानूनों को खत्म कर उसे चार लेबर कोड में समेटने की केंद्र की नीति को हम सफल नहीं होने देंगे। कहना था 9 बार सांसद रहे माकपा नेता वासुदेव आचार्य का। अपने धनबाद दौरे में उन्होंने कहा कि श्रमिकों और किसानों के प्रति यह सरकार बहुत ही असंवेदनशील है। अगर लेबर कोड लागू हो गया तो मजदूरों के लिए बारगेनिंग कैपेसिटी खत्म हो जाएगी। वेज बोर्ड के लिए भी बात नहीं कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक इस बार वेज बोर्ड का सवाल है उसका तो गठन होना ही है। स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की बैठक हो चुकी है। कुछ बात आगे बढ़ी है। जल्द ही जेबीसीसीआई का गठन होगा फिर बात होगी। लेकिन भविष्य में होने वाले खतरा को देखते हुए हम सभी पांचों ट्रेड यूनियन मिलकर लेबर कोड का विरोध करेंगे।
इस सवाल पर कि बीएमएस उनके साथ नहीं है, आचार्य ने कहा कि पांचो ट्रेड यूनियन एक है। कुछ मुद्दों पर कभी-कभी बीएमएस साथ छोड़ देती है। लेकिन हड़ताल में वह हमारे साथ थी और भावी आंदोलन में भी वह हमारे साथ रहेगी। कोयला उद्योग को बचाने के लिए मजदूर यूनियन का साथ होना बेहद जरूरी है। आचार्य ने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों को हर हाल में निजी क्षेत्र को सौंपने के सरकार की नीति का असर दिखने लगा है। बीसीसीएल में जनवरी महीने के वेतन का भी भुगतान नहीं हो पाया। कोई इसका कोयला खरीदने को राजी नहीं है। आगे जब निजी को ब्लॉक और भी सस्ती कीमत पर कोयला बेचना शुरू करेंगे तब कोल इंडिया की क्या स्थिति होगी समझी जा सकती है। हमारी आशंका सच साबित हो रही है। सरकार ने शुरू में 42 कोल ब्लॉक बेचे। अब वह डेढ़ सौ कोल ब्लॉक बेचेगी। सारा कोल इंडिया तबाह हो जाएगी। हम इसे बर्बाद नहीं होने देंगे। सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियन मिलकर निजी कोल ब्लॉक की नीलामी के खिलाफ अभियान चलाएंगे।