स्वयं आक्सीजन लगाना हो सकता है घातक : नोडल पदाधिकारी

कोरोना मरीजों को यदि उनकी रिपोर्ट के बारे में समझ नहीं है तो उनकी स्थिति खराब हो सकती है। इसलिए वे डॉक्टरों से परामर्श प्राप्त कर अस्पताल में एडमिट हो जाएं। मरीज अपना भला नहीं समझ रहे हैं। कुछ मरीज स्वयं घर पर ऑक्सीजन ले रहे हैं। यह उनके लिए बेहद घातक साबित हो सकता है। ऑक्सीजन सिलेंडर से कितना प्रेशर देना है व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के अभाव में मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 10:48 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 10:48 PM (IST)
स्वयं आक्सीजन लगाना हो सकता है घातक : नोडल पदाधिकारी
स्वयं आक्सीजन लगाना हो सकता है घातक : नोडल पदाधिकारी

जागरण संवाददाता, धनबाद : कोरोना मरीजों को यदि उनकी रिपोर्ट के बारे में समझ नहीं है तो उनकी स्थिति खराब हो सकती है। इसलिए वे डॉक्टरों से परामर्श प्राप्त कर अस्पताल में एडमिट हो जाएं। मरीज अपना भला नहीं समझ रहे हैं। कुछ मरीज स्वयं घर पर ऑक्सीजन ले रहे हैं। यह उनके लिए बेहद घातक साबित हो सकता है। ऑक्सीजन सिलेंडर से कितना प्रेशर देना है व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के अभाव में मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है। यह कहना है टेली मेडिसन स्टूडियो की नोडल पदाधिकारी आशा रोजलिन कुजूर का। उन्होंने बताया कि धनबाद के सभी डायग्नोस्टिक सेंटर से एचआरसीटी कराने वालों की रिपोर्ट यहां आती है। इसके बाद जिनका सिटी स्कोर 10 या 10 से अधिक होता है, वैसे मरीज को फोन करके उनके स्वास्थ्य के संबंध में पूछताछ की जाती है। मरीज गंभीर होने पर उसे ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड वाले अस्पताल में रेफर किया जाता है। कई मरीज अस्पताल से वीडियो कॉल कर चिकित्सकों से परामर्श लेते हैं। कुछ वैसे लोगों का फोन आता ह, जिन्हें यह नहीं पता कि उन्हें कोरोना का संक्रमण है या नहीं है। वे अपनी समस्या डॉक्टर्स को बताते हैं। डॉक्टर उनके स्वास्थ्य के संबंध में पूछताछ करके उचित मार्गदर्शन देते हैं। टेलीमेडिसिन स्टूडियो की नोडल पदाधिकारी ने अपील की कि इंटरनेट मीडिया या मित्रों के सुझाव पर कभी भी दवा न लें। हमेशा सर्टिफाइड चिकित्सक से संपर्क कर दवाई ले।

चिकित्सक की पत्नी ने लिया परामर्श :

टेलीमेडिसिन स्टूडियो से डॉ. आनंद रंजन के साथ एक चिकित्सक की पत्नी ने परामर्श लिया। चिकित्सक ने टेलीमेडिसिन स्टूडियो में फोन कर डॉ. आनंद से पत्नी की बातचीत कराई। डॉ. आनंद ने उन्हें चेस्ट फिजियोथैरेपी की सलाह दी। सलाह को मानकर उनकी स्थिति में सुधार हुआ और पहले से काफी स्वस्थ महसूस किया। टेलीमेडिसिन स्टूडियो से प्रतिदिन एक सौ से अधिक मरीजों को चिकित्सीय एवं मानसिक परामर्श दिया जाता है। स्टूडियो में सुबह नौ बजे से रात के 11 बजे तक तीन शिफ्ट में नौ चिकित्सक मरीजों का चिकित्सीय व मानसिक परामर्श करते हैं। प्रत्येक शिफ्ट में तीन डॉक्टर वीडियो कांफ्रेंसिंग एवं टेलीफोन के माध्यम से मरीजों को उनके स्वास्थ्य के संबंध में परामर्श देते हैं।

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