महिला सशक्तीकरण की दिया में झारखंड सरकार ने लगाया जोर, ग्रामीण विकास की योजनाओं में प्राथमिकता
याेजनाओं का लाभ लाभुकों तक शत प्रतिशत पहुंचाने का आदेश देते हुए रंजन ने कहा कि इसमें भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को ज्यादा से ज्यादा सरकारी योजनाओं से जोड़ने की बात कहते हुए महिलाओं को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।
जागरण संवाददाता, धनबाद। राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन ने साेमवार को विडीओ कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सूबे के विभिन्न जिलों में चल रही विकास योजनओं की समीक्षा की। इस दौरान योजनाओं की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने सभी उपविकास आयुक्तों को सप्ताह में एक दिन अपने अपने जिलांतर्गत बारी बारी से सभी प्रखंडों और पंचायतों का भ्रमण करने का निर्देश दिया। सचिव का मानना था कि क्षेत्र का दौेरा करने से योजनाओं के क्रियान्वयन के प्रगति की वास्तविक तस्वीर मिल पाएगी। वहीं उन पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों को काम के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा जहां योजनाओं की प्रगति धीमी गति से चल रही है।
याेजनाओं का लाभ लाभुकों तक शत प्रतिशत पहुंचाने का आदेश देते हुए रंजन ने कहा कि इसमें भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को ज्यादा से ज्यादा सरकारी योजनाओं से जोड़ने की बात कहते हुए महिलाओं को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। इसकी जानकारी देते हुए उपविकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास ने बताया कि सचिव के साथ बैठक काफी उत्साह बढ़ानेवाला था। सचिव ने लक्ष्य के आगे जाकर मानव दिवस सृजन की बात कही। उन्होंने धनबाद जिला द्वारा आंगनबाड़ी के तहत चलाए जा रहे योजनाओं की शतप्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रशंसा करते हुए कहा कि योजनाओं को लेकर आ रही शिकायतों का निपटारा शीघ्रता से कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जबकि मानव दिवस के सृजन के साथ उनके भुगतान की प्रक्रिया भी सरल करते हुए रिजेक्शन के मामलों को संबंधित पक्ष के साथ बात कर सुलझाना चाहिए। ताकि विभाग की विश्वसनीयता बनी रहे। क्योंकि भुगतान से संबंधित शिकायतों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। यह स्थिति योजनओं के सफल क्रियान्वयन में बाधक साबित हो रही है।
बैठक में उपायुक्त संदीप कुमार सिंह के अलावा उपविकास आयुक्त दास के अलावा मनरेगा से जुड़े अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी शामिल रहे।