Sawan 2021: नजदीक आ गया भोले शंकर का प्रिय महीना, भक्तों को बेसब्री से रहता इंतजार; यहां देखें सोमवारी व्रत की पूरी सूची
Sawan 2021 सावन का पवित्र महीना शिव भक्तों का उल्लास का महीना है। यह महीना हिंदू धर्म के लिए बेहद खास है। सावन के महीने में ही कावड़ यात्रा निकाली जाती है। लेकिन कोरोना के कारण पिछले साल कांवर यात्रा नहीं निकाली गई।
जागरण संवाददाता, धनबाद। बारिश का मौसम आरंभ होते ही शिव भक्तों के मन में शिव भक्ति की भावना हिलोरे मारने लगती है। सभी लोग बेसब्री से सावन की पहली सोमवारी का इंतजार करने लगते हैं। सावन का पवित्र महीना शिव भक्तों का उल्लास का महीना है। यह महीना हिंदू धर्म के लिए बेहद खास है। सावन के महीने में ही कावड़ यात्रा निकाली जाती है। लेकिन कोरोना के कारण पिछले साल कांवर यात्रा नहीं निकाली गई। इस साल भी नहीं निकाली जाएगी। सावन के प्रत्येक सोमवार को शिव भक्त धनबाद के भुईफोड़ मंदिर, खड़ेश्वरी मंदिर सहित अन्य शिवालयों में व्रत करके भगवान शिव को जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करते हैं।
झारखंड के लिए सावन महीना बहुत खास
यूं तो सावन का महीना हर हिंदू के खास है। लेकिन झारखंड की बात ही कुछ और है। यहां देवघर में बाबा बैद्यनाथ का मंदिर है। यहां पर सावन महीने में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला लगता है। इसमें प्रतिदिन लाखों लोग भाग लेते हैं। हालांकि कोरोना के कारण मंदिर बंद है। इस साल श्रावणी मेला का भी आयोजन नहीं होगा।
25 जुलाई से शुरू हो रहा सावन
इस साल सावन 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त तक रहेगा। सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को व अंतिम सोमवार 16 अगस्त को है। इस दौरान 28 जुलाई को नागपंचमी, 8 अगस्त को हरियाली अमावस्या, 6 अगस्त को मासिक शिवरात्रि, 11 अगस्त को तीज पर्व, 13 अगस्त को रंगीली पंचमी व 22 अगस्त को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। सावन के सोमवार सावन का पहला सोमवार: 26 जुलाई सावन का दूसरा सोमवार : 2 अगस्त सावन का तीसरा सोमवार : 9 अगस्त सावन का चौथा सोमवार : 16 अगस्त
मनईटांड़ शिव मंंदिर 150 साल पुराना, सावन में उमड़ती है शिव भक्तों की भीड़
सावन के महीने का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। क्योंकि सावन मास में भगवान शिव की पूजा-आराधना का विशेष विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह महीना वर्ष का पांचवां माह है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सावन का महीना जुलाई-अगस्त में आता है। इस दौरान सावन सोमवार व्रत का सर्वाधिक महत्व बताया जाता है। दरअसल श्रावस मास भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है। इस माह में सोमवार का व्रत और सावन स्नान की परंपरा है। इसलिए मनईटांड़ शिव मंंदिर जो 150 साल पुराना है। सावन में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इसकी ऊंचाई 75फीट है जो आसपास के सभी मंंदिरों से ऊंची है। बताया गया कि मंदिर पुराने होने के कारण मंदिर की स्थिति जर्जर हो चुकी थी। जिस कारण वहां आसपास के लोगों ने नव निर्माण करने की बात कही। फिर सभी के सहयोग से आकर्षक ढंग से नव निर्माण किया गया। सावन के महीने में मंदिर को आकर्षक ढंग से साज सज्जा किया जाता है। जो भी शिव भक्त बैदनाथ धाम कावड़ यात्रा लेकर जाते हैं। उससे पहले यहां आकर भगवान शिव का आशीष लेते हैं।
यहां पूजा करने वाले की होती है हर मन्नतें पुरी
मंदिर के अध्यक्ष मुकेश महतो ने बताया कि इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था बेहद जा रहा है। यहां दूर-दूर से लोग पूजा अर्चना करने आते हैं। इस मंदिर में सड़क पूजा का भी आयोजन किया जाता है। उस दौरान मेला भी लगता है। लेकिन कोरोना के कारण दो सालों से सादगी तरीके से सिर्फ पूजा किया जा रहा है। इस मंदिर में कई लोगों की मन्नतें परी होने पर पाठा की बलि भी दी जाती है, जो सदियों से चली आ रही है।