SAIL: कोरोना वायरस को स्पेशल बीमारी का दर्जा देने की तैयारी, मृत कर्मचारियों के आश्रितों को होगा यह फायदा

SAIL किसी अधिकारी-कर्मचारी की कोरोना से मौत के बाद इसके बदले उनके आश्रित परिजन को कंपनी में स्थायी रूप से नियोजन दिया जा सकेगा। इस प्रक्रिया के लिए दूसरे अन्य विशेष बीमारियों की तरह मरीज के मौत की पुष्टि का आधार कोरोना अनिवार्य होगा।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 06:57 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 07:16 AM (IST)
SAIL: कोरोना वायरस को स्पेशल बीमारी का दर्जा देने की तैयारी, मृत कर्मचारियों के आश्रितों को होगा यह फायदा
कोरोना जांच के लिए स्वाब लेता स्वास्थ्यकर्मी ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, बोकारो। वैश्विक महामारी कोरोना को महारत्न कंपनी सेल के स्पेशल बीमारी की सूची में शामिल किया जा सकता है। इस बाबत प्रबंधन के पास प्रस्ताव लंबित है। जिस पर विभिन्न मजदूर संगठन और एनसीओए के बढ़ते दबाव के बाद निदेशक मंडल की बैठक में चर्चा होगी। यही नहीं कोरोना के चलते पूर्व में अपनी जान गंवाने वाले कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी के आश्रित को नियोजन और मुआवजा देने के लिए नेशनल कनफेडरेशन आफ आफिसर एसोसिएशन ने इस्पात मंत्रालय से पहल की है। यदि मंत्रालय की ओर से इस मसले पर शीघ्र फैसला नहीं हुआ तो एनसीओए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी में है।

तो आश्रित को मिलेगी नाैकरी

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को जल्द ही कंपनी के गंभीर बीमारी की सूची में शामिल किया जाएगा। यानी सेल के किसी अधिकारी-कर्मचारी की कोरोना से मौत के बाद इसके बदले उनके आश्रित परिजन को कंपनी में स्थायी रूप से नियोजन दिया जा सकेगा। इस प्रक्रिया के लिए दूसरे अन्य विशेष बीमारियों की तरह मरीज के मौत की पुष्टि का आधार कोरोना अनिवार्य होगा। जिसे मरीज का इलाज करने वाले संबंधित चिकित्सक व मेडिकल बोर्ड के सदस्य सत्यापित करेंगे। सेल में कोरोना से अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा संयंत्रकर्मियों की मौत हो गई है। बोकारो इस्पात संयंत्र भी अब इससे अछूता नही रहा। बावजूद इसके सेलकर्मी इस विपदा में संयंत्र के उत्पादन के साथ पूरे देश में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर लोगों की जीवन बचाने में लगे रहे। कर्मियों के इस त्याग व बलिदान का हवाला देते हुए अधिकारियों का संगठन नेशनल कनफेडरेशन आफ आफिसर एसोसिएशन ने केंद्रीय इस्पातमंत्री को पत्र लिखकर अविलंब सेल में कोरोना से मृत कर्मियों के परिजन को नियोजन देने की मांग की है। साथ ही सेल अध्यक्ष का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए मृतक के परिजन को नौकरी के साथ 50 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने की बात कही है।

मेडिकल बोर्ड में शामिल स्पेशल बीमारी का विवरण

सेल प्रबंधन कंपनी के मेडिकल बोर्ड में कुल छह गंभीर बीमारी को शामिल की है। इनमें कैंसर, किडनी, लकवा, हदयरोग, मनोरोग तथा एड्स की बीमारी है। इस रोग से ग्रस्त संयंत्रकर्मियों को कंपनी का काम नही कर पाने अथवा सेवानिवृति से पूर्व इस रोग से मौत होने पर उनके आश्रित परिजन को नियोजन दिए जाने का प्रावधान है। बशर्तें उनके बीमारी का सत्यापन मेडिकल बोर्ड की मंजूरी से हो। कोरोना बीमारी को कंपनी के विशेष स्वास्थ्य नियमों की सूची में इसी शर्त के साथ लागू किया जाएगा की जब इसके संक्रमण से मरीज की मौत होगी तभी उनके आश्रित को नियोजन का पेशकश कंपनी प्रबंधन करेगी। चूंकि यह एक महामारी है जो बदलते समय के साथ समाप्त भी हो जाएगी। पूर्व में जो संयंत्रकर्मी कोरोना से अपनी जान गंवा बैठे है, उनके लिए यह नियम पुराने तिथि से लागू करने की मांग संगठन की ओर से की गई है।

वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद सेल व अन्य पीएसयू के अधिकारी फ्रंट लाइन में आकर कंपनी व देश हित में काम कर रहे है। कोरोना से शहीद हुए संयंत्रकर्मियों के आश्रित परिजन को नियोजन देने की मांग केंद्रीय इस्पातमंत्री से की गई है। बावजूद इसके मामले पर शीघ्र सकारात्मक पहल नही होता है तो हमलोग सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।

-विमल कुमार विशी, सदस्य, नेशनल कनफेडरेशन आफ आफिसर एसोसिएशन ।

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