Dhanbad: आरएसएस ने कहा-बिना शस्त्र के नाही अपनी सुरक्षा हो सकती है और ना ही समाज की

r.s.s. धनबाद में शस्त्र पूजन कार्यक्रम में कहा कि बिना शस्त्र के राष्ट्र की सुरक्षा नहीं की जा सकती। विजय दशमी के दिन ही आर एस एस की स्थापना की गई थी। केशव राव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में नागपुर में संघ की स्थापना की थी।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 03:22 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 03:22 PM (IST)
Dhanbad: आरएसएस ने कहा-बिना शस्त्र के नाही अपनी सुरक्षा हो सकती है और ना ही समाज की
केशव राव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में नागपुर में संघ की स्थापना की थी।

जागरण संवाददाता, धनबाद : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कहना है कि बिना शस्त्र राष्ट्र की सुरक्षा नहीं की जा सकती। बरमसिया फुटबॉल मैदान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पुराना बाजार नगर की ओर से विजयादशमी महोत्सव एवं शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि उपेंद्र कुमार, प्रांत प्राचारक दिलीप कुमार,  

सह विभाग कार्यवाह विक्रम हिमालय ने शस्त्रों पर तिलक लगाकर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलित कर किया। प्रांत प्राचरक ने कहा कि बिना शस्त्र के अपनी सुरक्षा, समाज की रक्षा नहीं की जा सकती। यह शस्त्र जन्मजन्मांतर से हमारे देवी देवताओं के साथ रहा है। 

स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए दिलीप कुमार ने कहा कि आरएसएस वर्ष भर में कुल छह उत्सव मनाता है। विजयादशमी उसमें से एक है। यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का द्योतक है। विजयादशमी के दिन ही डॉ. केशव राव बलिराम हेडगवार ने 1925 में नागपुर में संघ की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भारतीय जन मानस की आत्मा हैं। अयोध्या राजपरिवार में जन्म लेने वाले राजकुमार जब पिता की आज्ञा से महल छोड़ते हैं तो वह अपनी सामर्थ्य और सामाजिक संरचना के बल पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम बन जाते हैं। आसुरी शक्तियां उनके शरणागत हो जाती हैं। पुरातन काल से हम शक्ति की उपासना करते रहे हैं। आरएसएस विजयादशमी पर शस्त्र पूजन की परंपरा को जीवंत रखे हुए है। उन्होंने कहा कि मनुष्यत्व ही हिंदुत्व है और हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व है। मुख्य अतिथि उपेंद्र कुमार ने भी संघ के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राष्ट्र का निर्माण चरित्रवान लोग करते हैं। संघ ऐसे ही लोगों का निर्माण कर रहा है। देश को आज पुष्ट शरीर, बुद्धि एवं निर्मल आत्मा वाले नागरिकों की जरूरत है। नगर कार्यवाह हिमांशु ने अतिथियों का परिचय कराया। मौके पर महानगर कार्यवाह, सह नगर कार्यवाह एवं अनेक स्वयंसेवक बंधु उपस्थित थे।

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