धनबाद नगर निगम में भ्रष्टाचार से e-rickshaw वितरण योजना का हो रहा बंटाधार, चालकों ने डीसी को बताई अंदर की बात

झारखंड सरकार की गरिमा योजना के तहत ई रिक्शा का आवंटन नगर निगम द्वारा किया जाना है। वित्तिय वर्ष 2016-17 के अंतर्गत धनबाद नगर निगम द्वारा 125 ई-रिक्शा आवंटित करने का आदेश पारित किया गया था। लेकिन भ्रष्टाचार के कारण वितरण नहीं हुआ।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 17 Nov 2021 07:59 AM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 05:00 PM (IST)
धनबाद नगर निगम में भ्रष्टाचार से e-rickshaw वितरण योजना का हो रहा बंटाधार, चालकों ने डीसी को बताई अंदर की बात
धनबाद नगर निगम में ई-रिक्शा वितरण में भ्रष्टाचार ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड रिक्शा मजदूर संघ के बैनर तले ई-रिक्सा चालकों का प्रतिनिधिमंडल जिला के उपायुक्त से मिल एक ज्ञापन सौंपा। इसके माध्यम से चालकों के प्रतिनिधि मंडल ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे रिक्शा चालकों को ई रिक्शा आवंटित करने की मांग की। इसके अलावा अपनी मांगों को लेकर मजदूर संघ के प्रतिनिधि मंडल ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौंपा। जिसमें प्रतिनिधि मंडल ने ई-रिक्सा वितरण में देरी के लिए नगर निगम में एक कार्यालय सहायक संतोष सिंह को जिम्मेवार बताया और कहा कि सिंह द्वारा ई-रिक्सा वितरण के लिए अवैध रूप से पैसे की मांग की जा रही है। मांग पूरी नहीं होने के कारण गरीब रिक्सा चालकों को उनका हक देने में अनावश्यक विलंब किया जा रहा है।

संघ के अध्यक्ष जुम्मन खान ने बताया की झारखंड सरकार की गरिमा योजना के तहत ई रिक्शा का आवंटन नगर निगम द्वारा किया जाना है। वित्तिय वर्ष 2016-17 के अंतर्गत धनबाद नगर निगम द्वारा उन्हें 125 ई-रिक्सा आवंटित करने का आदेश पारित किया गया था। लेकिन उस समय सिर्फ 24 रिक्शा ही आवंटित की गई। शेष 101 ई-रिक्सा उन लोगों को नहीं मिल पाया। छह वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक गरीब रिक्सा चालकों को नगर निगम द्वारा ई-रिक्शा आवंटित नहीं किया गया है। रिक्शा चालकों ने कहा कि धनबाद नगर निगम कार्यालय के परिवहन विभाग के अधिकारी संतोष सिंह द्वारा प्रतिदिन उन्हें नगर निगम कार्यालय दौड़ाया जा रहा है। खान ने आरोप लगाया कि संतोष सिंह के कारण उनका काम रुका हुआ है।

वहीं इस बारे में नगर आयुक्त से भी कई बार गुहार लगाई गई। उनको लिखित और मौखिक दोनों रूप से शिकायत की गई। लेकिन कोई कारवाई होता नहीं देख अंतत: उपायुक्त और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। इस बाबत नगर आयुक्त से बात करने की सभी कोशिशें बेकार गई। जबकि उपायुक्त ने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही। उपायुक्त का कहना था कि जांच में जो कोई भी दोषी पाया जाएगा, उसपर विभागीय कारवाई की जाएगी।

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