गंभीर बीमारी से पीड़ित सेवानिवृत्त कोलकर्मी का नहीं हुआ इलाज, दम तोड़ा

झरिया-भौंरा कोरोना वायरस की दूसरी लहर में अन्य गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है। उनकी तबीयत बिगड़ने पर बड़े अस्पताल भी भर्ती नहीं ले रहे हैं। इससे गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:44 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 06:44 PM (IST)
गंभीर बीमारी से पीड़ित सेवानिवृत्त कोलकर्मी का नहीं हुआ इलाज, दम तोड़ा
गंभीर बीमारी से पीड़ित सेवानिवृत्त कोलकर्मी का नहीं हुआ इलाज, दम तोड़ा

जासं, झरिया-भौंरा : कोरोना वायरस की दूसरी लहर में अन्य गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है। उनकी तबीयत बिगड़ने पर बड़े अस्पताल भी भर्ती नहीं ले रहे हैं। इससे गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। ताजा उदाहरण भौंरा जहाजटांड़ बस्ती का है। बीसीसीएल पूर्वी झरिया क्षेत्र के वरीय लिपिक पद से सेवानिवृत्त हुए 65 वर्षीय हार्ट के मरीज विजय कुमार महतो का सोमवार को दिल का दौरा पड़ा था। आनन-फानन में परिवार के लोग उन्हें झरिया के एक निजी अस्पताल में ले गए। चिकित्सक ने गंभीर हालत देख रेफर कर दिया। इसके बाद परिवार के लोग उन्हें धनबाद के एक बड़े अस्पताल में ले गए। लेकिन प्रबंधन ने अस्पताल में कोरोना मरीजों की भर्ती से बेड के फुल होने की बात कह कर विजय को भर्ती लेने व इलाज करने से इन्कार कर दिया। परिवार के लोग मरीज को भर्ती करने के लिए काफी मिन्नतें करते रहे। प्रबंधन टस से मस नहीं हुआ। दूसरे अस्पताल में ले जाने के दौरान विजय की मौत हो गई। पत्नी कमली देवी, भाई रंजीत महतो, दो पुत्र व दो पुत्री रो रोकर बेहाल हैं। 26 अप्रैल को बेटे की होने वाली शादी को नहीं देख सके विजय :

विजय कुमार महतो के पुत्र राकेश कुमार महतो की शादी 26 अप्रैल को होनी थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थी। बैंड वाले, बराती के लिए चार पहिया, कैटरर, पंडाल वाले को बयाना भी दे दिया गया था। घर में खुशियों का माहौल था। सोमवार को विजय की मौत के बाद घर में मातम छा गया। विजय अपने छोटे बेटे की शादी नहीं देख सके। सही समय पर भाई का इलाज नहीं होने से उनकी मौत हो गई :

मृतक के छोटे भाई रंजीत महतो ने बताया कि सोमवार की सुबह सात बजे भाई विजय के सीने में दर्द होने के बाद दिल का दौरा पड़ा। झरिया के एक निजी अस्पताल में ले गए। चिकित्सक ने धनबाद रेफर कर दिया। धनबाद के बड़े अस्पताल में भर्ती नहीं लिया गया। समय पर इलाज के बिना भाई ने दम तोड़ दिया।

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