बारहो महीने खरीदकर पानी पीते गजलीटांड़ कॉलोनी के लोग

संवाद सहयोगी कतरास काफी मशक्कत के बाद गजलीटांड़ के लोगों को पानी मिलता है। करीब ढाइ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 09:13 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 09:13 PM (IST)
बारहो महीने खरीदकर पानी पीते गजलीटांड़ कॉलोनी के लोग
बारहो महीने खरीदकर पानी पीते गजलीटांड़ कॉलोनी के लोग

संवाद सहयोगी, कतरास: काफी मशक्कत के बाद गजलीटांड़ के लोगों को पानी मिलता है। करीब ढाई हजार से अधिक आबादी वाली कॉलोनी में तीन कुआं तथा आठ चापाकल है। बगल में परियोजना चलने के कारण यहां गर्मी आते ही जलस्तर नीचे चला जाता है। यूं तो लोगों को पीने का पानी सालों भर खरीदना पड़ता है, वहीं नहाने, कपड़ा व बर्तन धोने के लिए करीब एक किलोमीटर की दूरी तय कर कतरी नदी जाना पड़ता है। पानी के कारोबारी जोगीडीह से टेंपो में सेनटेक्स व गैलनों में प्रतिदिन यहां बेचने आते हैं। प्रति गैलन 10 रुपये तथा सेनटेक्स को तीन सौ रुपये बेचते हैं। बीसीसीएल कतरास क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा कतरी नदी की पानी टंकी द्वारा विभिन्न टोलों में आपूर्ति की व्यवस्था की गई है, लेकिन जलमीनार जर्जर हो गई है। पानी का प्रेशर इतना कम है कि यहां के लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है। इस भीषण गर्मी में लोगों को पीने के पानी के लिए कतरास या फिर अंगारपथरा आकर ले जाना पड़ता है।

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यहां तीन कुआं तथा आठ चापाकल है इसके बावजूद लोगों को पानी खरीदकर पीना पड़ता है। कुआं का जलस्तर नीचे चला गया है, जबकि सभी चापाकल रहने मरम्मत के अभाव में खराब पड़ा हुआ है।

--विजयशंकर चौहान,

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गजलीटांड़ में उत्खनन परियोजना चालू होने से झमाडा पाइप बीच से हटा दिया गया। जिससे यहां के लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। पानी के बिना जीना मुश्किल हो गया है। प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी गंभीर नहीं हैं।

-- दयाशंकर यादव

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गजलीटांड़ कॉलोनी का अस्तित्व का समाप्त करने के लिये पहले यहां से पानी की समाप्त कर दी गई। पानी के बिना लोग अब यहां दूसरी जगह पलायन कर रहे हैं। कोलियरी प्रबंधन साजिश के तहत यहां उत्खनन परियोजना चालू करने की फिराक में है।

कृष्णा निषाद

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