कोयला की मांग व मूल्यवृद्धि से रिजेक्ट कोल की बढ़ी डिमांड

कोयले की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि और इसके मूल्य में बढ़ोतरी के कारण रिजेक्ट कोल का डिमांड बढ़ने लगा है। कल तक बीसीसीएल सीवी एरिया प्रबंधन रिजेक्ट कोल के स्टोरेज की समस्या से जूझ रहा था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 06:12 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 06:12 AM (IST)
कोयला की मांग व मूल्यवृद्धि से रिजेक्ट कोल की बढ़ी डिमांड
कोयला की मांग व मूल्यवृद्धि से रिजेक्ट कोल की बढ़ी डिमांड

पंचेत : कोयले की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि और इसके मूल्य में बढ़ोतरी के कारण रिजेक्ट कोल का डिमांड बढ़ने लगा है। कल तक बीसीसीएल सीवी एरिया प्रबंधन रिजेक्ट कोल के स्टोरेज की समस्या से जूझ रहा था। लेकिन अब कोयले की मांग बढ़ने व मूल्य वृद्धि के बाद रिजेक्ट कोल के स्टोरेज की समस्या दूर होने लगी है। अब इसकी भी काफी तेजी से मांग बढ़ गई है।

जानकारी के अनुसार दहीबाड़ी कोल वाशरी में पिछले तीन चार वर्षों से पड़ा रिजेक्ट कोल का स्टाक करीब चार लाख मेट्रिक टन से अधिक हो गया था। इसके बाद आलम यह हो गया था कि प्रबंधन के सामने स्टोरेज की समस्या उत्पन्न हो गई। सीवी एरिया प्रबंधन ने कई बार आक्शन कर इसे बेचना चाहा। लेकिन खरीदारों ने रुचि नहीं दिखाई। इधर कोयले के उत्पादन में आई गिरावट और मांग में वृद्धि के कारण इसके मूल्य में इजाफा हो गया है। इससे रिजेक्ट कोल की मांग अचानक बढ़ गई है। पिछले दिनों सीवी एरिया प्रबंधन ने 76 हजार मेट्रिक टन रिजेक्ट कोयले का आफर दिया। इस पर खरीदारों ने दिलचस्पी दिखाते हुए रिजेक्ट कोल की खरीदारी की। प्रबंधन के फ्लोर प्राइस रेट 518 प्रति टन की जगह क्रेताओं ने 1090 से 1100 रुपया तक में खरीददारी की। अब प्रबंधन बाकी बचे हुए स्टाक को निकालने की तैयारी की प्रक्रिया में लग गया है। वहीं दहीबाड़ी वाशरी के प्रभारी प्रबंधक एस प्रमाणिक का कहना है कि 76 हजार मेट्रिक टन नीलामी के बाद बचे स्टाक की नीलामी आफर की प्रक्रिया चल रही है।

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