Dhanbad Sadar Hospital: गर्भवती महिलाओं और नवजात के लिए नियमित टीकाकरण शुरू, जरूरी चेकअप भी करा सकते यहां

गर्भवती महिलाओं का 9 महीने में 4 बार एंटीनेटल चेकअप जांच करना बेहद जरूरी होता है। इसके पीछे का कारण मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना प्रमुख उद्देश्य है। पहले से जांच करने से बच्चे और मां पर होने वाले विपरीत प्रभाव को कम किया जाता है।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 09:05 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 09:05 AM (IST)
Dhanbad Sadar Hospital: गर्भवती महिलाओं और नवजात के लिए नियमित टीकाकरण शुरू, जरूरी चेकअप भी करा सकते यहां
धनबाद सदर अस्पताल में बच्चे को टीका लगाती नर्स ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। नवनिर्मित सदर अस्पताल में अब गर्भवती महिलाएं और नवजात बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण शुरू हो गया है। गर्भवती महिलाओं के लिए होने वाले जरूरी एंटीनेटल चेकअप (प्रसव पूर्व जांच) की व्यवस्था जांच शुरू कर दी गई है। यह मातृ शिशु केंद्र में नियमित टीकाकरण के साथ ही परिवार नियोजन की भी सुविधा शुरू की गई है। सुविधा शुरू करने अब हर दिन अस्पताल में गर्भवती महिला और नवजात की संख्या बढ़ रही है। अस्पताल के प्रभारी डॉ राजकुमार सिंह कहते हैं कोरोना संक्रमण के बाद अब नियमित टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की जांच परिवार नियोजन अन्य योजनाओं पर भी तेजी से ध्यान दिया जा रहा है। अस्पताल में अब यह सुविधाएं पूरी तरह से शुरू कर दी गई है।

गर्भवती महिलाओं का चार बार एंटीनेटल चेकअप बेहद जरूरी

गर्भवती महिलाओं का 9 महीने में 4 बार एंटीनेटल चेकअप जांच करना बेहद जरूरी होता है। इसके पीछे का कारण मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना प्रमुख उद्देश्य है। पहले से जांच करने से बच्चे और मां पर होने वाले विपरीत प्रभाव को कम किया जाता है। इसमें महिलाओं की नियमित बीपी मधुमेह अल्ट्रासोनोग्राफी सहित अन्य जांच की जाती है। पेट में पल रहे बच्चे की स्वास्थ्य कीवी सटीक जानकारी चिकित्सकों को मिल पाती है।

0 से 5 वर्ष के बच्चे के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी

जिले में जीरो से 5 वर्ष के बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी है। यह बच्चे को खतरनाक जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। जन्म के समय बीसीजी का टीका लेना जरूरी है। डॉक्टर राजकुमार बताते हैं कि कोरोना संक्रमण में टीकाकरण लक्ष्य से कम हुआ है। ऐसे में सरकार की कोशिश है कि अब लक्ष्य प्राप्ति के लिए तमाम उपाय अपनाए जाएं। इधर जिले में 0 से 5 वर्ष के बीच 3.50 लाख बच्चे हैं। वही 2 वर्ष से लेकर 18 वर्ष के बीच 11 लाख बच्चे हैं। इन सभी को विभिन्न प्रकार के टीकाकरण और कार्यक्रम से स्वास्थ्य विभाग में जोड़ रहा है।

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