झरिया में राशन कार्डवाले लोगों को भी मिलेगा आवास

गोविन्द नाथ शर्मा झरिया झरिया मास्टर प्लान के तहत यहां के अग्नि व भू धंसान प्रभावित व अन्य क्ष

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 06:23 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 06:23 AM (IST)
झरिया में राशन कार्डवाले लोगों को भी मिलेगा आवास
झरिया में राशन कार्डवाले लोगों को भी मिलेगा आवास

गोविन्द नाथ शर्मा, झरिया : झरिया मास्टर प्लान के तहत यहां के अग्नि व भू धंसान प्रभावित व अन्य क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों को 12 वर्षों के बाद भी सरकारी एजेंसी जेआरडीए की ओर से विस्थापित नहीं किया जा सका। इसकी समय सीमा भी समाप्त हो गई। अब झरिया मास्टर प्लान को पीएमओ ने गंभीरता से लिया है। अलग से उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर कुछ माह के अंदर झरिया से लोगों के विस्थापन-पुनर्वास मामले को सुलझाने का निर्देश दिया है। सोमवार को पीएमओ के निर्देश पर राष्ट्रीय आपदा व भू प्रबंधन की उच्चस्तरीय टीम झरिया के अग्नि व भू धंसान प्रभावित घनुडीह, मोहरीबांध इलाके का दौरा किया। अन्य अति अग्नि व भू धंसान प्रभावित क्षेत्रों का दौरा टीम नहीं कर सकी। पांच सदस्यी टीम का नेतृत्व कर रहे हुकुम सिंह मीणा ने बातचीत में कहा कि अभी जिनके पास राशन कार्ड या अन्य कोई दस्तावेज हैं। पीएमओ के निर्देश पर झरिया पुनर्वास में आ रही बाधा को ही सुलझाने आए हैं। अधिकारी ने कहा कि यहां रहनेवाले किसानों, रैयतों व मकान मालिकों की जमीन व मकान भूमि अधिग्रहण कानून के तहत ही लिए जाएंगे। इसका उन्हें मुआवजा भी मिलेगा। केंद्र सरकार इसकी पहल करेगी।

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नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार सरकार व मंत्रालय को

पीएमओ की टीम ने कहा कि अग्नि प्रभावित झरिया में जानमाल की क्षति नहीं हो। इसे कैसे रोका जाए। इसके लिए विस्थापन की प्रकिया की जांच करने आए हैं। यहां वर्षों से रहनेवाले अधिकतर लोगों के रिकार्ड नहीं हैं। जांच रिपोर्ट पीएमओ को सौंपी जाएगी। झरिया के बारे में नीतिगत निर्णय केंद्र, राज्य सरकार और कोयला मंत्रालय ही लेगा। हमलोग एक सीमित दायरे व बिदु को लेकर जांच के लिए आए हैं। सरकार झरिया के अग्नि व भू धंसान प्रभावित क्षेत्र में रहनेवाले लोगों के विस्थापन को गंभीर है।

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ओबी भराई कर लोगों को बसाने पर हुई चर्चा

पीएमओ की झरिया आई टीम यहां की समस्याओं को सुलझाने के लिए हर तरह से तत्पर दिखी। कोयला अधिकारियों से बातचीत के दौरान टीम के अधिकारियों ने यह भी कहा कि जमीन से कोयला निकालने के बाद उस जमीन की ओबी से भराई कर लोगों को बसाने के बारे में सोचा जाना चाहिए। यह सरकार व यहां के लोगों दोनों के हित में होगा। इसके लिए दृढ़शक्ति की जरूरत है।

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