धनबाद में चूहा-बिल्ली गैंग भी मचा रहे उधम, दहशत में व्यवसायी
अनुसंधान के क्रम में पुलिस को कई बार ऐसी सुचनाएं मिली जिसमें यह बताया गया कि एक अपराधी हथियार के साथ किसी निर्धारित इलाके में है। पुलिस उसे गिरफ्तार करे। मिंज ने कहा कि ऐसी कार्रवाई भी अपना नाम कमाने के लिए ही अपराधी स्वयं करता है।
धनबाद, जेएनएन। रंगदारी प्रकरण में पांच युवकों की हुई गिरफ्तारी के बाद से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इन सभी का संबंध नीरज हत्या कांड में रांची जेल में बंद उत्तर प्रदेश के शूटर अमन सिंह, जमशेदपुर जेल में कैद सतीश सिन्हा और चूहा के नाम से मशहूर पीएलएफआइ के अवधेश से होने की बात सामने आयी है। यह साफ हो गया है कि व्यापारियों से रंगदारी मांगने के लिए इन सभी ने एक समझाैता के तहत अपने-अपने टारगेट निर्धारित किए और घटना को अंजाम दिया। इसके लिए सभी ने अपने लोकल नेटवर्क का इस्तेमाल किया। हालांकि इन तीनों में एक तथ्य को लेकर मतभेद भी सामने आया है। रंगदारी के लिए जो भी धमकी दी गई और यह बात सामने आने पर सबसे पहले जिम्मेवारी लेने का काम किया। जिसने पहले जिम्मेवारी ली मामला उसी का हो गया।
इस संबंध में वरीय पुलिस अधीक्षक असीम विक्रांत मिंज ने बताया कि घटना की जिम्मेवारी लेने के मामले में तीनों में आपसी होड़ मची रही। अनुसंधान में यह तथ्य सामने आया कि कई बार धमकी किसी और ने दी है और जिम्मेवारी किसी और ने ली है। मिंज ने बताया कि यह एक अपराधिक मनोविज्ञान है। इसके तहत अपराधी हर हाल में अपने नाम का जाहिर करना चाहता है ताकि उसके नाम से लोग भय खाएं।
खुद को लोगों को पकड़वाने के लिए भी पुलिस को दी सूचना : अनुसंधान के क्रम में पुलिस को कई बार ऐसी सुचनाएं मिली जिसमें यह बताया गया कि एक अपराधी हथियार के साथ किसी निर्धारित इलाके में है। पुलिस उसे गिरफ्तार करे। मिंज ने कहा कि ऐसी कार्रवाई भी अपना नाम कमाने के लिए ही अपराधी स्वयं करता है। उन्होंने माना कि कई बार ऐसे फोन कॉले आए जिसमें यह बताया गया कि यूपी का शूटर है और यहां व्यापारियों को मारने के लिए आया है। मिंज ने कहा कि ऐसे मामलों की जांच के बाद उन्होंने पाया कि यह केवल अपना नाम मीडिया में लाने के लिए किया गया।