RSS ने ऑनलाइन मनाया अखंड भारत दिवस, विभाग प्रचारक ने कहा- अभी भी मंडरा रहा देश की अखंडता पर खतरा Dhanbad News
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को अखंड भारत दिवस मनाया। वेबिनार के जरिए आयोजित कार्यक्रम में आरएसएस के धनबाद विभाग प्रचारक गोपालजी ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया।
धनबाद, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने शुक्रवार को अखंड भारत दिवस मनाया। वेबिनार के जरिए आयोजित कार्यक्रम में आरएसएस के धनबाद विभाग प्रचारक गोपालजी ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 14 अगस्त 1947 तक हमारा देश अखंड था। आज का पाकिस्तान और बांग्लादेश भी अपने देश का ही हिस्सा था। 14 की रात ही देश का बंटवारा कर दिया गया। हमें बंटवारे की शक्ल में अधूरी आजादी मिली। हम सबका यह संकल्प होना चाहिए कि हम पुन: अपने देश के अलग हुए हिस्सों को अपने राष्ट्रध्वज के नीचे लाएं और एक बार फिर अखंड भारत का निर्माण करें।
आज भी चल रही खंडित करने की कोशिशें : विभाग प्रचारक ने कहा कि आज भी बाहरी ताकतें आज भी देश को खंडित करने का प्रयास कर रही हैैं। चीन ने हाल ही में यह कहा है कि वह भारत को 35 खंडों में विभाजित करेगा। इसके लिए वह हर परिवार से एक-एक व्यक्ति को माओ की सेना में शामिल करने की योजना पर काम कर रहा है। चीन के सहयोग से बने माओवादियों ने पहले ही पशुपतिनाथ से तिरुपतिनाथ तक का नारा दिया था। इसके तहत वे नेपाल से बिहार, झारखंड, ओडिशा व तेलंगाना तक के इलाके को भारत से अलग करना चाहते थे। माओवादी, नक्सली और लाल झंडे के लोग आज भी इस प्रयास में लगे हुए हैैं।
मिशनरी भी भारत को खंडित करने का कर रहे प्रयास : गोपालजी ने कहा कि देश को खंडित करने में मिशनरी ताकतें भी जुटी हुई हैैं। इनका नारा है नागालैैंड से नागपुर, वाया छोटानागपुर। उनकी इसी योजना के तहत नागालैैंड की आबादी 99 फीसद ईसाई होते ही अमेरिका की संसद तक में उसे अलग देश बनाने की मांग पर चर्चा करा दी गई। हमें इनके कुत्सित प्रयासों को समझना होगा और इसे विफल करने के लिए एकजुट रहना होगा।
आतंकवादी खुलेआम कर रहे खंडित करने का प्रयास : धार्मिक आबादी बढ़ाकर देश को खंडित करने का प्रयास के तहत ही पाकिस्तान व बांग्लादेश का निर्माण हुआ। यह आज भी पाकिस्तान के सहयोग से आतंकी संगठन कर रहे हैैं। कई राजनीतिक व सामाजिक दलों का भी उन्हें समर्थन प्राप्त है। जम्मू-कश्मीर, केरल व पश्चिम बंगाल इनके सॉफ्ट टारगेट बने हुए हैैं। नार्थ ईस्ट को अलग करने की योजना के तहत चिकेन नेक पर कब्जा करने की बात शाहीनबाग में खुलेआम जाहिर की जा चुकी है।
फेसबुक लाइव के जरिए भी प्रसारण : गोपालजी ने कहा है कि संघ का स्पष्ट मानना है कि अखंड भारत के तहत अफगानिस्तान से इंडोनेशिया तक कभी भारत भूमि रही है। बर्मा को तो 1935 में अंग्रेजों ने हमसे अलग कर दिया। उस वक्त के राजनीतिक नेतृत्व की कमजोरी के कारण उसका प्रबल विरोध भी नहीं किया गया। आज हमें इसके लिए एकजुट हो प्रयास करना होगा व अखंड भारत के पुनर्निर्माण का संकल्प लेना होगा। कार्यक्रम को फेसबुक लाइव के जरिए भी प्रसारित किया गया।