शिक्षा के क्षेत्र में रांची के बाद Dhanbad को मिला दूसरा स्थान; किसी उपलब्धि के लिए नहीं बल्कि इस वजह से
झारखंड राज्य में स्कूल कोचिंंग व शिक्षण संस्थान काफी समय से कोरोना संक्रमण के कारण बंद है। बच्चों की पढ़ाई सकरार आनलाइन के माध्यम से करा रही है। इसमें दिक्कते भी आ रही है। ग्रामीण व गरीब बच्चों को इस परेशानी से ज्याद जुझना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता धनबाद : झारखंड राज्य में स्कूल, कोचिंंग व शिक्षण संस्थान काफी समय से कोरोना संक्रमण के कारण बंद है। बच्चों की पढ़ाई सकरार आनलाइन के माध्यम से करा रही है। इसमें दिक्कते भी आ रही है। ग्रामीण व गरीब बच्चों को इस परेशानी से ज्याद जुझना पड़ रहा है। अभी राज्य में बहुत सारे बच्चें ऐसे है जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है। गांवों में बिजली की या नेटवर्क की समस्या है। ऐसे में विद्यार्थी स्कूल से ही धीरे-धीरे दूर होते जा रहे है।
अभी हाल के आकड़े बताते है कि विद्यार्थियों का पढ़ाई से मन भंग हो रहा है। आगे की पढ़ाई नहीं करना चाह रहे है। कारण चाहे जो भी रहा हो, आकड़े इस बात को सही साबित कर रहे है। इस बाबत शिक्षा विभाग पहले की अपेक्षा ज्याद गंभीर दिख रहा है। तभी तो पूरे राज्य में यह आदेश जारी कर दिया गया है कि आखिर बच्चे स्कूलों से क्यो दूर होते जा रहे है इसकी जिले, प्रखंड व विद्यालय स्तर पर समीक्षा रिपोर्ट मांगी गई है।
विद्यालय से मोह भंग होने वालों जिले में रांची टॉप पर है उसके बाद नंबर धनबाद का ही आता है। रांची के बाद धनबाद दूसरा ऐसा जिला है जहां नामांकन में गिरावट हुई है। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने इसे गंभीरता से लिया है। जिला समग्र शिक्षा अभियान तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अब निर्देश दिया है, कि जिले के स्कूलों से संबंधित आंकड़ों का प्रखंडवार तथा विद्यालय वार सूक्ष्म विश्लेषण करते हुए एक सप्ताह के अंदर आंकड़ों में सुधार करवाएं।
राज्य मुख्यालय से निर्देश मिलते ही समग्र शिक्षा अभियान के अधिकारी हरकत में आ गए हैं। सभी प्रखंडों को निर्देश दिया गया है। यू-डायस प्लस के अनुसार धनबाद में सरकारी, मान्यता प्राप्त, गैर मान्यता प्राप्त, संचालित स्कूलों की संख्या 2548 है। इनमें 2508 ने एंट्री पूरी कर ली है।
वहीं अन्य स्कूलों की प्रक्रियाधीन है। तथा 19 ने अब तक शुरुआत ही नही की है। जानकारी से कोरोना महामारी से भी जोड़कर देख रहे हैं। यह संभावना जताई जा रही है, कि कोरोना के कारण आर्थिक संकट के बीच बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी हो या फिर यू-डायस में स्कूलों ने एंट्री नहीं की हो।
दरअसल 2019-20 में धनबाद में नामांकित छात्रों की संख्या 5,60,379 थी। वर्ष 2020-21 के आंकड़ों पर गौर करें तो वाह 5 लाख 26 हजार 459 पहुंच गया एक साल में 33,920 छात्र छात्राएं कम हो गए। इन आंकड़ों को देखने के बाद विभागीय अधिकारी हैरत में पड़ गए। जिसके बाद उन्होंने निर्देश जारी कर दिया।
260 स्कूलों में नामांकन में गिरावट
2509 स्कूलों में से धनबाद में 260 ऐसे स्कूल चिन्हित किए गए हैं। जहां पिछले सत्र की तुलना में 50 या उससे अधिक नामांकन में गिरावट हुआ है। यही नहीं 24 स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी नामांकन नहीं हुआ है। 23 स्कूल ऐसे चिन्हित हुए हैं। जहां शिक्षकों की संख्या 5 या उससे अधिक कार्यरत शिक्षकों की संख्या में कमी आई है। धनबाद के लिए राहत की बात है, कि जिले के सभी स्कूलों में शिक्षक हैं। ऐसा कोई भी स्कूल नहीं है जांच शिक्षक नहीं है।