शहर में रामनवमी का त्यौहार सादगी तरीके से मनाया गया, नहीं निकला अखाड़ा

धनबाद चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी बुधवार को शहर में सादगीपूर्वक मनाई गई। सभी लोगों ने घरों व मंदिरों में पर सादगी तरीके से पूजा अर्चना की। मंदिरों में रामनवमी पूजा-अर्चना को लेकर सुबह से ही भक्तों की भीड़ शहर के अलग-अलग मंदिरों में जुटने लगी थी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 02:53 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 02:53 AM (IST)
शहर में रामनवमी का त्यौहार सादगी तरीके से मनाया गया, नहीं निकला अखाड़ा
शहर में रामनवमी का त्यौहार सादगी तरीके से मनाया गया, नहीं निकला अखाड़ा

जासं, धनबाद : चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी बुधवार को शहर में सादगीपूर्वक मनाई गई। सभी लोगों ने घरों व मंदिरों में पर सादगी तरीके से पूजा अर्चना की। मंदिरों में रामनवमी पूजा-अर्चना को लेकर सुबह से ही भक्तों की भीड़ शहर के अलग-अलग मंदिरों में जुटने लगी थी। श्रद्धालुओं ने घरों के आंगन, अपार्टमेंट में फ्लैटों की बालकनी व छत पर महावीरी ध्वज स्थापित कर भक्ति भाव से रामलला की पूजा की। इस वर्ष कोरोना के कारण शहर में कहीं भी अखाड़ा, शोभायात्रा या झांकियां भी नहीं निकलीं। इसके बावजूद भक्तों ने हर्ष के साथ रामनवमी का त्यौहार मनाया। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए लोगों ने शहर के अलग-अलग मंदिरों में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पूजा अर्चना की गई। मंदिरों में बगैर मास्क के प्रवेश नहीं दिया गया। लगातार दो साल नहीं निकला अखाड़ा : शहर के हीरापुर और पुराना बाजार में रामनवमी पर भव्य अखाड़ा निकालने की परंपरा वर्षो से चली आ रही है। जिसमें काफी संख्या में लोग शामिल होते हैं। जय श्रीराम के नारे लगते हैं। लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण किसी प्रकार का आयोजन नहीं किया गया। अखाड़ा सबसे पहले पुराना बाजार से निकाला जा रहा है। इसके बाद हीरापुर हटिया से रामनवमी पर अखाड़े का आयोजन किया जाता रहा है। जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। दोनों जगहों की झाकियां स्टेशन रोड पहुंचती है, जहां दोनों अखाड़ा दल के सदस्य संयुक्त रूप से कार्यक्रम का आयोजन करते थे। लेकिन, वर्षो की परंपरा इस बार भी कोरोना के भय के कारण नहीं निकली गई।

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